5 दिसम्बर 2019 : हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि सत्ता संभालने के 35 दिनों के बाद भी हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार के साझा कार्यक्रम का अता-पता नही है। विद्रोही ने कहा कि विगत 35 दिनों में भाजपा-जजपा साझा कार्यक्रम तय करने 28 नवम्बर को अनिल विज की अध्यक्षता में आधी-अधूरी केवल एक बैठक हुई है। भाजपा-जजपा नेता अपना न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय करने की बजाय सत्ता आनंद उठाने में मस्त है जो बताता है कि वे अपना न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय करने के प्रति कितने गंभीर है। भाजपा-जजपा सत्ता संचालन व अपने चुनावी वादे को पूरा के प्रति जरा भी गंभीर नही है। यह तभी तय हो गया था कि दोनेा दलों ने साझो कार्यक्रम तय करने के लिए अनिल विज जैसे गैरजिम्मेदार व मसखरे की अध्यक्षता में दोनो दलों की समिति बनाई थी। जिस कमेटी के अध्यक्ष अनिल विज जैसा गैरजिम्मेदार व्यक्ति हो, वह कैसा न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय करेगीे, यह बताने की जरूरत नही है।
विद्रोही ने कहा कि वैसे भी मोदी-भाजपा सरकार ने अपने तोते ईडी से आय से अधिक सम्पत्ति मामले में जजपा नेता व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के दादा औमप्रकाश चौटाला के यहां छापा मारकर व उनका पैतृक आवास तेजाखेड़ा फार्म व पंचकूला की कोठी सील करके साफ संदेश दे दिया कि या तो दुष्यंत हमारा पिछलग्गू बनकर हमारे अनुसार चले या आय से अधिक सम्पत्ति मामले में उनका पिता अजय चौटाला के यहां भी ईडी की छापेमारी के लिए तैयार रहे। विद्रोही ने कहा कि दोनो दलों का एक एजेंडा न होने से भ्रम की स्थिति बनी हुई है जो जनहित में नही है। भाजपा-जजपा सरकार को अपना न्यूनतम साझा कार्यक्रम तत्काल घोषित करना चाहिए। हरियाणाा के साथ महाराष्ट्र में हुए चुनाव के बाद वहां भी कांग्रेस-शिवसेना व एनसीपी ने महाविकास अघाडी गठबंधन ने सरकार बनाई है। वहां पर सरकार के शपथ लेने से पहले ही इन तीनों दलों ने अपना न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय किया और बाद में सत्ता संभाली। पर हरियाणा में अलग-अलग चुनाव लड़े और चुनावों में एक-दूसरे पर तीखा हमला करने वाले भाजपा-जजपा में सत्ता पाने की लालसा इस कदर हावी थी कि उन्होने न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय किये बिना ही सत्ता पर कब्जा किया और सत्ता पर कब्जा करने के 35 दिन बाद भी इन दोनो दलों के कथित न्यूनतम साझा कार्यक्रम का दूर-दूर तक अता-पता नही है।
Post A Comment:
0 comments: