नई दिल्ली: झारखण्ड चुनाव परिणाम के बाद विपक्ष कल से जश्न में डूबा है लेकिन आज दोपहर बाद मोदी कैबिनेट के राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में अपडेट के लिए धन आवंटन के प्रस्ताव पर मुहर लगाने के बाद अचानक विपक्ष अब एनपीआर के बारे में सोंचने लगा है। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा ट्रेंड चलाया जा रहा है कि एनपीआर ही एनआरसी है। एक तरह से लोगों को एनपीआर के बारे में भड़काना शुरू कर दिया गया है। अभी कुछ देर पहले गृह मंत्री अमित शाह का बयान आया है जिसमे उन्होंने कहा कि एनआरसी और एनपीआर में कोई संबंध नहीं है।
BJP to congress:Hum itne bill layenge ki confuse ho jaoge support kis ka kare aur virodh kis ka kare pic.twitter.com/D3T3TyoV48
— Dr. Guru😎 (@DGuru0) December 24, 2019
आपको बता दें कि एनपीआर के तहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए देशभर में घर-घर जाकर जनगणना की तैयारी है। देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना एनपीआर का मुख्य लक्ष्य है। इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमीट्रिक जानकारी भी होगी। एनपीआर अपडेट करने की प्रक्रिया अगले साल पहली अप्रैल से शुरू होने वाली है। इसके लिए आज केंद्र ने 3,941.35 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
Watch Union Home Minister and BJP National President Shri @AmitShah's interview to ANI. https://t.co/k1HvSnqCNM— BJP (@BJP4India) December 24, 2019
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