फरीदाबाद: सृष्टि बचाओ (NGO)ने दुराचार के बढ़ते मामलो में हमारी अपनी जिम्मेदारी और जबाबदेही पर सेमिनार का आयोजन होटल मैगपाई मैं किया इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य नर नारी के प्रति बढ़ते हुए अपराध एवम् समाज की जिम्मेदारी या भूमिका थी ।सृष्टि बचाओ के संरक्षक श्री मुनेश पंडित ने कहा कि हमारे सामने जब कोई अपराध होता है तो हम मिलकर विरोध क्यों नहीं करते। क्यों सोच लेते हैं की हम बच गए हमारे साथ नहीं हो रहा। अपराधी कभी किसी के सगे नहीं होते। घटना के बाद कितनी ही बातो को लेकर अफसोस होता है ऐसा ना हुआ होता तो कितना अच्छा होता, ऐसा कर लेते तो ठीक होता। कभी हमने सोचा जब करने का मौका था तब हमने कितनी गंभीर बातो पर ध्यान नहीं दिया।जिस परिवार की खुशियों के लिए संयुक्त परिवार को तोड़कर छोटे परिवार बनाए उनमे मान-मर्यादा और मार्डन होने के नाम पर मनमानी को हमने स्वीकृति दी। लड़के-लड़की, पति-पत्नी के आचरण, पहनावे और जीवन शैली को कंट्रोल में नहीं रखा और एक जहरीले माहौल को जन्म दिया जिसे सूखी समाज कहते हैं।इस मातम, गुस्से और ज्ञान बघारने का तब तक कोई मतलब नहीं जब तक हम खुद जागरूक ना हो। इन दुखद घटनाओ को पुलिस या कानून नहीं केवल समाज बदल सकता। सुखी समाज चाहिए तो समाज को सुखी बनाईये किसी की राह मत देखिए।
सृष्टि बचाओ के कानूनी सलाहकार एवम् महासचिव वरिष्ठ समाजसेवी एवम् अधिवक्ता राजेश खटाना ने कानून की बारीकियों एवम् महिला अपराधों के विषय पर अपना अनुभव साझा किया । उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामलों मैं पीड़ित व्यक्ति अपराधी के साथ समझोता कर लेता है और इससे अपराधी का मनोबल बढ़ता है और अपराध मैं बढ़ोत्तरी होती है ।समाजसेवी- जय शर्मा , डॉ महेश वैध , बाबा रामकेवल , रिजवान जी ,सुबोध जी ,आराधना शर्मा , राजवती शर्मा , उमेश कुंडू ,वरुण श्योकंद, पवन शर्मा , प्रोफेसर एवम् योग डॉ बलमार्म आर्य आदि वक्ताओं ने इस विषय पर प्रकाश डाला । समारोह के अंत मैं सृष्टि बचाओ ने सभी सामाजिक संस्थाओं को *समाज गौरव सम्मान* से प्रसस्ति पत्र देकर सम्मानित किया ।
होटल मैगपाई मैं सृष्टि बचाओ व्दारा आयोजित सेमिनार मैं सृष्टि बचाओ (NGO) का यही उद्देश्य है और शहर की सामाजिक संस्थाओ का भी यही विचार उभर कर आया ।
सृष्टि बचाओ के कानूनी सलाहकार एवम् महासचिव वरिष्ठ समाजसेवी एवम् अधिवक्ता राजेश खटाना ने कानून की बारीकियों एवम् महिला अपराधों के विषय पर अपना अनुभव साझा किया । उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामलों मैं पीड़ित व्यक्ति अपराधी के साथ समझोता कर लेता है और इससे अपराधी का मनोबल बढ़ता है और अपराध मैं बढ़ोत्तरी होती है ।समाजसेवी- जय शर्मा , डॉ महेश वैध , बाबा रामकेवल , रिजवान जी ,सुबोध जी ,आराधना शर्मा , राजवती शर्मा , उमेश कुंडू ,वरुण श्योकंद, पवन शर्मा , प्रोफेसर एवम् योग डॉ बलमार्म आर्य आदि वक्ताओं ने इस विषय पर प्रकाश डाला । समारोह के अंत मैं सृष्टि बचाओ ने सभी सामाजिक संस्थाओं को *समाज गौरव सम्मान* से प्रसस्ति पत्र देकर सम्मानित किया ।
होटल मैगपाई मैं सृष्टि बचाओ व्दारा आयोजित सेमिनार मैं सृष्टि बचाओ (NGO) का यही उद्देश्य है और शहर की सामाजिक संस्थाओ का भी यही विचार उभर कर आया ।
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