नई दिल्ली: एक दिन पहले दिल्ली की अनाज मंडी में हुई अग्निकांड में 43 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। जिस वक्त अवैध फैक्ट्री में आग लगी उस वक्त बिजनौर उत्तर प्रदेश का मुशर्रफ उर्फ़ मूसा फैक्ट्री में आख़िरी सांस ले रहा था और उसी वक्त उसने अपने दोस्त मोनू उर्फ़ शोभित अग्रवाल की बातचीत हुई जिसमे “भाई मैं ख़त्म होने वाला हूँ, घर का ख़याल रखना, इमामुद्दीन के पाँच हज़ार रूपिये दे देना, अब साँस भी नहीं ले पा रहा हूँ” उस बातचीत का आडियो कल सोशल मीडिया पर वाइरल हुआ जिसने भी आडियो सुना हर किसी की आँखें भर आईं। अपने दोस्त मुशर्रफ का शव लेने पहुंचे मोनू दहाड़े मारकर रोते दिखे।
उन्होंने कहा कि मुशर्रफ मोनू उनका बहुत ही अच्छा दोस्त था। कभी नहीं लगा कि हमारा मजहब अलग-अलग है। दोनों दोस्त मंदिर-मस्जिद एक साथ जाते थे। मीडिया से बात करते मोनू काफी भावुक दिखे। बोले हम साथ में खाते थे, कोई भेदभाव नहीं था। मोनू ने कहा कि वो मेरा अच्छा दोस्त था और उसने अंतिम समय में मेरे पास फोन किया। अब मैं मुशर्रफ़ के परिवार को सम्भालूंगा। मुशर्रफ़ के तीन बेटियां और एक बेटा है। उसके पिता जी इस दुनिया में नहीं हैं। माँ हैं। मोनू ने कहा कि मुशर्रफ़ की मौत से मैं टूट चुका हूँ इतना दुःख उस समय नहीं हुआ जब मेरे पिता जी का स्वर्गवास हुआ था। मोनू ने कहा कि जब मैं छोटा था तभी मेरे पिता जी इस दुनिया से चले गए उस समय मुशर्रफ़ के परिवार ने ही मेरा साथ दिया था। मैं उस परिवार का एहसान कभी नहीं भूलूंगा। देखें ये वीडियो
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