नई दिल्ली: बंटवारा नाम का शब्द सदियों पुराना है। सत्ता का बंटवारा, जमीन जायदाद का बंटवारा और कई अन्य जगह भी इस शब्द का नाम आता है। देश में काफी समय से दलितों की मसीहा के रूप में अपनी पहचान बना चुकीं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा सुप्रीमों मायावती को भी अब बंटवारे का भय सता रहा है। भीम आर्मी से उन्हें खतरा है। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर उर्फ़ रावण अब खुद को दलितों का मसीहा बताने लगे हैं। नागरिकता क़ानून के विरोध में वो अचानक जामा मस्जिद में नजर आये जिसके बाद दिल्ली में हिंसक प्रदर्शन हुआ। कई पुलिस अधिकारी घायल हुए और कल उन्हें गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया। पुलिस को आशंका है कि इस हिंसक प्रदर्शन में हिज्बुल मुजाहिद्दीन और सिमी का भी हाथ हो सकता है। पुलिस को रावण पर भी शक है कि कहीं वो किसी ऐसे तत्व से नहीं मिल गया जो देश विरोधी हों।
अब मायावती रावण के खिलाफ मैदान में उतर आई हैं। मायावती ने कई ट्वीट किये हैं। उन्होंने लिखा है कि दलितों का आम मानना है कि भीम आर्मी का चन्द्रशेखर, विरोधी पार्टियों के हाथों खेलकर खासकर बी.एस.पी. के मज़बूत राज्यों में षड़यन्त्र के तहत चुनाव के करीब वहाँ पार्टी के वोटों को प्रभावित करने वाले मुद्दे पर, प्रदर्शन आदि करके फिर जबरन जेल चला जाता है।
उन्होंने आगे लिखा है कि जैसे यह यू.पी. का रहने वाला है, लेकिन CAA/NRC पर यह यू.पी. की बजाए दिल्ली के जामा मस्जिद वाले प्रदर्शन में शामिल होकर जबरन अपनी गिरफ्तारी करवाता है क्योंकि यहाँ जल्दी ही विधानसभा चुनाव होने वाला है।अतः पार्टी के लोगों से अपील है कि वे ऐसे सभी स्वार्थी तत्वों, संगठनों व पार्टियों से हमेशा सचेत रहें। वैसे ऐसे तत्वों को पार्टी कभी लेती नहीं है, चाहे वे कितना प्रयास क्यों ना कर ले?
1. दलितों का आम मानना है कि भीम आर्मी का चन्द्रशेखर, विरोधी पार्टियों के हाथों खेलकर खासकर बी.एस.पी. के मज़बूत राज्यों में षड़यन्त्र के तहत चुनाव के करीब वहाँ पार्टी के वोटों को प्रभावित करने वाले मुद्दे पर, प्रदर्शन आदि करके फिर जबरन जेल चला जाता है।— Mayawati (@Mayawati) December 22, 2019
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