फरीदाबाद, 13 दिसम्बर। फरीदाबाद नगर निगम की आयुक्त सोनल गोयल के निर्देश पर निगम के फरीदाबाद एनआईटी जोन प्रथम ने संपत्ति कर के बड़े बकायेदारों पर शिकंजा कसते हुए लगभग 41 लाख 33 हजार रूपये की संपत्ति कर की राशि की वसूली के लिए 6 इकाईयों को सील कर दिया। आज सुबह लगभग 7 बजे एनआईटी बाटा-ए कालोनी की इन 6 इकाईयों को सील करने की कार्यवाही भूमि एवं अनुज्ञप्ति अधिकारी विकास कन्हैया एवं निरीक्षक महेन्द्र कुमार के नेतृत्व में की गई।
नगर निगम के क्षेत्रिय एवं कर अधिकारी (मुख्यालय) रतन लाल रोहिल्ला ने आज यहां जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए बताया कि सील की गई इन 6 इकाईयों में मैसर्स साधना स्टील प्लाट नंबर एसडी-4/5 के विरूद्ध 1075816 रूपये, टीनू प्लाट नंबर एसडी-4/20 के विरूद्ध 901829 रूपये, सरदार जी प्लाट नंबर एसडी-4/18 के विरूद्ध 1031344 रूपये, इंजीनियर्स वर्कर्स एसडी-4/21 के विरूद्ध 927392 रूपये, नीतू गेरा प्लाट नंबर एसडी-4/11 के विरूद्ध 98709 रूपये और नीतू गेरा प्लाट नंबर एसडी-4/12 के विरूद्ध 98709 रूपये की संपत्ति कर की राशि बकाया पड़ी हुई थी। उन्होंने बताया कि इन सभी के विरूद्ध सीलिंग की कार्यवाही करने से पूर्व संपत्ति कर की राशि जमा करने के लिए इन्हें हरियाणा नगर निगम अधिनियम की धारा 87 (बी 2) के तहत नोटिस जारी किए गए थे। इसके बावजूद जब इन्होंने संपत्ति कर की राशि की अदायगी नहीं की तो इन सभी को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका दिया गया। उन्होंने बताया कि इन सभी वैधानिक प्रावधानों की पालना न करने पर नगर निगम ने उक्त सीलिंग की कार्यवाही अमल में लाई।
निग्मायुक्त सोनल गोयल ने करदाताओं से पुनः अपील की है कि वे सरकार की ब्याज माफी योजना का लाभ उठाते हुए आगामी 31 दिसम्बर तक अपने सम्पत्ति कर की मूल राशि एकमुश्त जमा करवाएं, क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें ब्याज की एक बड़ी राशि का भुगतान नहीं करना होगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष के सम्पत्ति कर की राशि जमा करने पर उन्हें 10 प्रतिशत की छूट भी दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि नगर निगम के द्वारा निरन्तरता में टैक्स कलैक्शन कैम्पों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे कि आम नागरिक और करदाता अपने घरों के नजदीक बकाया कर की राशि जमा कर सकें। उन्होंने कहा कि जिन-जिन क्षेत्र में कैम्प आयोजित करने के बावजूद करदाता अपने बकाया करों का भुगतान नहीं करते हैं या अपने अवैध पानी व सीवर के कनैक्शनों को वैध नहीं करवाते हैं तो ऐसे डिफाल्टर्स के पानी व सीवर के कनैक्शनों को काटने के साथ-साथ इनके विरूद्ध हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही करते हुए इनकी चल या अचल सम्पत्ति को सील करने के इलावा इनकी कुर्की की कार्यवाही भी की जाएगी।
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