फरीदाबाद: लगभग वन मैं आर्मी वाली संस्था न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एडवोकेट एलएन पाराशर इस साल भी सुर्ख़ियों में छाए रहे। शहर के कई तरह के माफियाओं को जेल भिजवाया जिनमे तमाम खनन माफिया शामिल हैं। पारशर सबसे ज्यादा सुर्ख़ियों में तब छाए जब उन्होंने रिलायंस टोलकर्मी को तीन रूपये के लिए जेल भिजवा दिया। पाखल टोलकर्मी ने उनसे तीन रूपये ज्यादा लिया था जिस पर उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाई और उसे जेल भिजवाकर ही दम लिया।
अवैध खनन की बात करें तो अरावली क्षेत्र के खनन माफिया सपने में भी पाराशर को देखते हैं। माफिया कहते हैं कि कोई भी अधिकारी आये जाए लेकिन वो काला कोट वाला आ गया तो मुसीबत में पड़ जायेंगे। पाराशर किसी भी समय अरावली पर पहुँच जाते हैं।
इस दौरान उन्होंने कई बार फरीदाबाद के सैकड़ों वकीलों को कानूनी किताबें बांटी और उन्हें लिए जज बनने की नःशुल्क कोचिंग क्लास भी चलवाया। उनकी संस्था में कई लोग हैं लेकिन पाराशर ही ज्यादा सक्रिय रहते हैं।
पाराशर में एक बड़ी खासियत ये है कि ये कभी छुट्टी नहीं करते। कोई भी छुट्टी का दिन हो, हमेशा समय से अपने चैंबर पहुँच जाते हैं। कोर्ट के समय से पहले वहाँ भी पहुँच जाते हैं जहाँ कोई गलत काम होता रहता है। सामाजिक संस्थाएं अधिकतर डोनेशन से चलती हैं लेकिन न्यायिक सुधार संघर्ष समिति शहर की शायद पहली ऐसी समाजसेवी संस्था है जिसने कभी किसी से एक रूपये नहीं लिया और कई बार-कई कई लाख की कानूनी किताबें निःशुल्क बांटी गईं हैं।
पाराशर का कहना है कि 2020 में भी वो हमेशा की तरह ऐसे काम करते रहेंगे जिससे शहर का भला हो। उन्होंने कहा कि शहर के भ्रष्ट अधिकारी अगले साल मेरे निशाने पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि जो भ्रष्ट होगा, उसी को मुझसे कष्ट होगा। अच्छे अधिकारियों की मैं तारीफ़ करता था और करता रहूंगा।
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