फरीदाबाद: दिल्ली अग्निकांड से फरीदाबाद प्रशासन ने कुछ नहीं सीखा और शहर में घनी बस्तियों के बीच चल रहीं सैकड़ों अवैध फैक्ट्रियां कभी भी किसी हादसे का कारण बन सकती हैं। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एडवोकेट एलएन पराशर का जिन्होंने बताया कि लगभग एक साल पहले मैंने बल्लबगढ़ के पास महावीर कालोनी में चल रहीं कई अवैध फैक्ट्रियों की शिकायत हरियाणा के मुख्य सचिव और फरीदाबाद प्रशासन से की थी और बताया था कि इन अवैध फैक्ट्रियों से आस-पास के हजारों लोग दुखी हैं क्यू कि इनमे प्लास्टिक जलाया जाता है और लोग बड़ी-बड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
पाराशर ने बताया कि प्रदूषण विभाग के अधिकारियों तक भी इसकी सूचना पहुंचाई थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब भी हजारों लोग यहाँ प्रदूषण से दुखी हैं। फैक्ट्रियों में जलाई जा रही प्लास्टिक के बाद लोगों के घरों की छतों पर राख की मोटी परत जम जाती है। लोग छत पर कपडे नहीं सुखा सकते हैं क्यू कि राख के कारण कपडे तुरंत काले हो जाते हैं।
पाराशर ने कहा कि यहाँ रात-दिन प्लास्टिक जलाई जाती है जिससे लोग बहुत दुखी हैं और कई लोग अपने मकान सस्ते में बेंचकर यहाँ से चले गए। पाराशर ने कहा कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से बस्ती के बीच में ये फैक्ट्रियां चल रहीं हैं। अधिकारी यहाँ से मंथली वसूलते हैं और आस पास की जनता दुखी रहती है। पाराशर ने कहा कि इन फैक्ट्रियों में सैकड़ों बोरी प्लास्टिक हमेशा मौजूद रहती है और कभी आग लगने जैसी कोई घटना हो गई तो आस पास के रास्ते इतने संकरे हैं कि फायर ब्रिगेड भी जल्द नहीं पहुँच सकेगी और बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 43 मजदूरों की मौत से फरीदाबाद प्रशासन ने कुछ नहीं सीखा। किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं।
Post A Comment:
0 comments: