फरीदाबाद: अरावली पर अवैध खनन करने वाले खनन माफिया कई पहाड़ गायब कर चुके हैं और अवैध खनन के कारण ही कुछ खनन माफिया अरबों की संपत्ति बना चुके हैं। अगर खनन माफिया पकडे भी जाते हैं तो खनन विभाग उन पर हल्की धाराओं के तहत मामला दर्ज करवाता है ताकि उनका ज्यादा नुकसान न हो और जल्द कोर्ट से जमानत लेकर वो फिर खनन के काम में जुट जाते हैं। ये कहना है बार असोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एडवोकेट एलएन पाराशर का जो लगभग डेढ़ साल से अरावली पर अवैध खनन का मामला जोरशोर से उठा रहे हैं और कई खनन माफियाओं पर एफआईआर भी दर्ज करवा चुके हैं।
एडवोकेट पाराशर ने कहा कि मेरे संज्ञान में आया है कि प्रदेश के खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा है कि पहाड़ों में भी अवैध रूप से खनन का एक भी ट्रक पकड़ा गया तो उसे थाने में बंद करा दिया जाएगा। अवैध खनन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। यदि जुर्माना नहीं भरा तो उनके मकान, दुकान सहित अन्य प्रॉपर्टी को अटैच कर जुर्माना वसूल किया जाएगा। पाराशर ने कहा कि खनन मंत्री के इस बयान का मैं स्वागत करता हूँ लेकिन मुझे आशंका है कि कहीं ये बयान कागजों तक ही सीमित न रह जाए।
पाराशर ने कहा कि अरावली को लेकर नेता और अधिकारी अब तक सिर्फ बयान ही देते आये हैं। ऐसे बयान अधिकतर कागजी साबित होते आये हैं इसलिए अरावली का लगातार चीरहरण जारी रहा और अवैध खनन भी जमकर हुआ। उन्होंने कहा कि अब भी अरावली पर कुछ पहाड़ बचे हैं। अगर खनन मंत्री ने अपने कहे अनुशार किया तो बचे हुए पहाड़ बचे रहेंगे। खनन माफियाओं की निगाह इन्ही पहाड़ों पर है। पाराशर ने कहा कि ये माफिया अरावली पर कई-कई सौ मीटर की गहराई तक खनन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि अरावली पर बनी गई गहरी प्राकृतिक झीलें इन्ही खनन माफियाओं के कारण बनी हैं और खनन माफियाओं के कारण भी बड़खल झील सूख गई क्यू कि अब जहां ज्यादा गहराई है वहाँ पानी चला जाता है। बड़खल झील में नहीं रुकता।
पाराशर ने कहा कि हाल में जिले के कई अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का नोटिस भेजा था जिनमे फरीदाबाद के डीसी का नाम भी शामिल था। पाराशर ने कहा कि अरावली पर अवैध खनन और अवैध निर्माण जब तक नहीं रुकेगा उनका अभियान जारी रहेगा।
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