नई दिल्ली: देश के जिन राज्यों में नागरिकता क़ानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं उन राज्यों में तैनात पुलिसकर्मियों के परिजनों की भी नींद उड़ी है। परिजन पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। अब तक लगभग 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं जिनमे कइयों की हालत गंभीर है। कुछ मीडिया के लोग पत्थरबाजों के ही जख्म दिखा रहे हैं। उन्हें हीरो बता रहे हैं जिन्होंने अफजल और याकूब मेनन जैसे आतंकियों का साथ दिया था।
देश के अल्प संख्यक समुदाय को भड़काकर उन्हें मौत में मुँह में भेजा जा रहा है और देश का ये समुदाय कम शिक्षित है और भड़काने वालों की जाल में फंस रहा है। कई राज्यों के कई जिलों में प्रदर्शन करने वाले ये नहीं जानते हैं कि इस क़ानून में है क्या? उन्हें मोदी के नाम से भड़काया जा रहा है। भड़काने वाले कुछ पार्टियों के नेता हैं। वो भड़क जाते हैं और पुलिस पर पत्थर फेंकने लगते हैं। मौका मिलता है तो पुलिस पर डंडे बरसाने लगते हैं। कई इस तरह के वीडियो आप देख चुके होंगे।
पुलिस बेवजह किसी पर डंडे नहीं बरसा रही है। जब सामने से पत्थर आ रहे हैं और पुलिसकर्मी घायल हो रहे हैं तब मजबूरन पुलिसकर्मियों को जबाबी कार्यवाही करनी पड़ रही है। सोशल मीडिया पर तमाम घायल पुलिसकर्मियों की तस्वीरें वाइरल हो रही हैं लेकिन मीडिया के बड़े संस्थान इसे दिखा नहीं रहे हैं। उलटा पुलिस पर ही आरोप लगा रहे हैं। ऐसा टुकड़े गैंग के समर्थक मीडिया वाले कर रहे हैं।
देश में सब कुछ ठीक है लेकिन टुकड़े गैंग, इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी, सिमी के आतंकी देश में बवाल मचवा रहे हैं और सत्ता के लिए एक बड़ी पार्टी भी आतंकियों का साथ दे रही है और मासूम अल्प संख्यकों की जान ले रही है। मुस्लिम समुदाय के तमाम लोग अब भी अपना कामकाज कर रहे हैं, उन्हें अपनी सरकार पर भरोषा है। लेकिन नेता आग लगाने में माहिर हैं और लगवा रहे हैं।
हरियाणा अब तक ने कल अपने पाठकों को पठाया था कि नेताओं का टारगेट है कि कम से कम 15 मौते हो जाएँ। शायद आज उनका आधा टारगेट पूरा हो गया है। देश के अल्प संख्यक समाज को भड़काकर नेताओं ने उनकी जान ले ली है, कलयुग है। देश के लोगों से खासकर मुस्लिम भाइयों से अपील है कि नेताओं के भड़कावे में आकर अपनी जान न गंवाएं। पुलिस के जवान भी इंसान हैं। उनके पीछे भी उनका परिवार है। वो ज्यादा समय तक पत्थर बर्दाश्त नहीं कर सकेंगे।
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