चंडीगढ़: हरियाणा में अफवाह है कि कभी भी खट्टर सरकार गिर सकती है। जजपा कभी भी टूट सकती है। नारनौंद से विधायक रामकुमार गौतम कभी भी जजपा के 6 विधायक अपने पाले में कर सकते हैं और दुष्यंत चौटाला को आइना दिखा सकते हैं। बताया जा रहा है कि विधायक गौतम बहुत गुस्से में हैं और उनका गुस्सा अचानक नहीं फूटा है।
गौतम ने जजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर स्पष्ट संकेत दे दिए कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। गौतम के आक्रोश को जननायक जनता पार्टी के मंत्री और चेयरमैन पदों से वंचित विधायकों की पीड़ा माना जा रहा है। गौतम की बगावत से उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के लिए मुश्किल पैदा हो सकती है।
अफवाह है कि विधायक गौतम हुड्डा के संपर्क में हैं और हुड्डा कई निर्दलीय विधायकों से भी संपर्क साध रहे हैं। अफवाह सच हुई तो हुड्डा गौतम समर्थक विधायकों और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे। गौतम को मंत्रालय में बड़ा पद दिया जाएगा जबकि सभी निर्दलीय विधायकों को मंत्री बनाया जायेगा। हरियाणा 7 निर्दलीय विधायक हैं। कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं जबकि अगर जजपा टूटती है और हुड्डा का साथ देती है तो कुल 37 विधायक हो जाएंगे। 7 निर्दलीय विधायक भी साथ में आये तो सरकार बनाने का आंकड़ा पूरा नहीं हो रहा है क्यू कि कुल 90 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 46 विधायक चाहिए। ऐसे में एक बड़ा खेल भी खेला जा सकता है। जजपा में दुष्यंत चौटाला और उनकी माता जी नैना चौटाला के अलांवा सभी विधायक गौतम के साथ आ सकते हैं और दो विधायक और बढ़ सकते हैं। 31+8+7 पर काम चल रहा है।
आपको बता दें कि विधानसभा चुनावों के काफी पहले देश के बड़े सट्टेबाजों ने कहा था कि वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की हार पक्की है और नारनौंद से गौतम की जीत पक्की है। अभिमन्यु हारे और गौतम जीते लेकिन गौतम को मंत्रालय में जगह नहीं मिली। उनकी जगह बल्लबगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा को मंत्री बनाया गया। अब दुष्यंत के दादा भड़क गए हैं। देखते हैं आगे क्या होता है।
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