नई दिल्ली: देश की जनता ऐसे ही कई पार्टियों को नहीं नकार रही है। कुछ न कुछ कमी इनमे या इनके नेताओं में जरूर होगी। हैदराबाद के दरिंदे ऊपर भेजे गए जिसके बाद पहले सुप्रीम कोर्ट की वकील वृंदा ग्रोवर का दर्द छलका तो कांग्रेसी नेता शशि थरूर, एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी, वामपंथी दल सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी भी विधवाओं जैसे विलाप करते देखे जा रहे हैं।
कांग्रेस के सीनियर लीडर शशि थरूर ने ट्वीट किया और लिखा कि न्यायिक व्यवस्था से परे इस तरह के एनकाउंटर स्वीकार नहीं किए जा सकते। एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, 'हमें और जानने की जरूरत है। यदि क्रिमिनल्स के पास हथियार थे तो पुलिस ने अपनी कार्रवाई को सही ठहरा सकती है।
आप मोमबत्ती लेके, मुड़भेड़ स्थल पे जा सकते है ,थरूर साहब। क्योंकि एक अपराधी का दर्द आपसे ज्यादा कौन समझेगा।😊😊😊— Alok Mishra (@AlokMis05475717) December 6, 2019
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हर मुठभेड़ की जांच की जानी चाहिए। सीताराम येचुरी ने कहा कि गैर-न्यायिक हत्याएं महिलाओं के प्रति हमारी चिंता का जवाब नहीं हो सकतीं। उन्होंने कहा कि बदला कभी न्याय नहीं हो सकता। इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप कांड के बाद लागू हुए कड़े कानून को हम सही से लागू क्यों नहीं कर पा रहे है। इन नेताओं को जमकर लताड़ भी मिल रही है। अब भी देश के 99 फीसदी लोग पुलिस की तारीफ कर रहे हैं।
सीताराम कृपया यह बताइए कि जो निर्भया केस था आज उसको लगभग 8 साल पूरे हो रहे हैं आपके द्वारा या हमारी न्याय व्यवस्था के द्वारा कितना न्याय मिला उस केस में— श्रवण द्विवेदी (@SKD_1404) December 6, 2019
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