अनूप कुमार सैनी: रोहतक, 5 दिसम्बर। कलयुग में डॉक्टर लोगों की जान बचाने को छोडक़र लापरवाही से अपना काम करते हैं। जिस वजह से मरीज की जान तक चली जाती है। ऐसी ही एक घटना रोहतक में भी घटित हुई। जिसमें आरोपी डॉक्टर के खिलाफ सीजेएम आशीष कुमार शर्मा की अदालत ने आदेश देकर सिविल लाईन थाना पुलिस से सोनीपत स्टैंड स्थित गंगा राम अस्पताल के संचालक डॉ. आनंद दलाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
पीड़ित वकील जितेन्द्र सिंह ने बताया कि वह सोनीपत स्टैंड स्थित गंगाराम अस्पताल में डॉ. आनंद दलाल को अपनी पत्नी नीतू की अल्ट्रासाऊंड रिर्पोट दिखाने गया था। वहां डॉक्टर ने पित्त की थैली में पथरी की वजह से सूजन बता कर तुरन्त आप्रेशन करने की सलाह दी।
डॉक्टर ने कहा कि उनके हस्पताल में लैप्रास्कोपी के जरिए एक छोटा सा आप्रेशन करके पथरी निकाल दी जाएगी लेकिन आप्रेशन करने के बाद आई इंजरी के बारे में डॉक्टर ने परिवार के किसी भी सदस्य को कुछ नहीं बताया तथा दो दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया।
पीड़ित वकील ने बताया कि पत्नी को घर ले गए तथा बाद में उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी को उस आप्रेशन के दौरान मेजर इंजरी हो गई। जिसके कारण उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई। बाद में करीब 50 दिनों तक पीजीआई तथा दिल्ली के निजी हस्पतालों में ईलाज करवाया लेकिन कोई सुधार नहीं आया तथा अंत में नीतू की मृत्यु हो गई।
जिस पर वकील जितेन्द्र सिंह ने सीजेएम अदालत में न्याय की गुहार लगाई तथा डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की। सीजेएम आशीष कुमार शर्मा ने तथ्यों को सही पाते हुए सिविल लाईन थाना पुलिस को इस सन्दर्भ में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। जिन पर कार्यवाही करते हुए सिविल लाईन थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है।
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