फरीदाबाद, 17 दिसमबर : देशभर में जहां नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं, वहीं समाजसेवी पारस भारद्वाज ने इस बिल के समर्थन में पैदल मार्च का आयोजन सैक्टर-16 स्थित क्यूआरजी अस्पताल से शुरू किया। जिसमें सैंकड़ों युवाओं ने भाग लिया और नागरिकता संशोधन बिल को देश के हित में बताया। इस मार्च का नेतृत्व कर रहे युवा नेता पारस भारद्वाज ने देश की भाजपा सरकार के नागरिकता संशोधन बिल को सही कदम ठहराते हुए कहा कि जो भी लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं या दंगे और आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, उनको इसके तथ्यों से भलीभांति वाकिफ हो जाना चाहिए। इस क़ानून के मुताबिक़ पड़ोसी देशों से शरण के लिए भारत आए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। इसमें देश के मुसलमानों के प्रति किसी भी तरह की कोई बात नहीं है। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ देश भर में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों दुर्भाग्यपूर्ण एवं बेहद निराशाजनक हैं। नागरिकता कानून से किसी भी भारतीय को नुकसान नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि कुछ असमाजिक तत्व किस्म के लोग अफवाह फैला रहे हैं और निहित स्वार्थों की खातिर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। पारस भारद्वाज ने कहा कि इस बिल के पास हो जाने के बाद ऐसे अवैध प्रवासियों को जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया है, वे भारतीय नागरिकता के लिए सरकार के पास आवेदन कर सकेंगे। अभी तक भारतीय नागरिकता लेने के लिए 11 साल भारत में रहना अनिवार्य था। नए कानून में प्रावधान है कि पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक अगर पांच साल भी भारत में रहे हों तो उन्हें नागरिकता दे दी जाएगी। इससे भला किसी को क्या आपत्ति हो सकती है। पारस भारद्वाज ने कहा कि सभी धर्मों एवं संप्रदाय के लोगों को कानून के दायरे में रहकर ही कार्य करना चाहिए। अगर सरकार के किसी निर्णय से किसी को कोई आपत्ति है या नापसंद है, तो वो कानूनी तरीके से लड़ाई लड़े न कि आगजनी या हिंसक तरीके अपनाकर।
आज के इस शान्ति मार्च मे प्रवीण चौधरी, मनोज नागर,अमित मिश्रा, धरम राव, रविन्दर आधान, रविन्दर चौधरी, अनीता शर्मा, अनीता पाराशर, प्रिया सहगल, करण सिंगला, सुनील आनन्द, राजीव वैद , सन्त राम, प्रह्लाद बांकुरा, महिपाल चौधरी, नीतिन शर्मा , मिथिलेश, नारायण दत्त, मनीष राघव , विजय वत्स, दिनेश राठौर, शेखर गुर्जर अदि अन्य सैंकडो कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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