फरीदाबाद, 22 दिसमबर : युवा उदय फाउंडेशन के अध्यक्ष व युवा समाजसेवी पारस भारद्वाज के नेतृत्व में सैक्टर-12 स्थित टाउन पार्क में जागरूकता यात्रा निकाली गई और अलग-अलग टोली बनाकर लोगों को एनआरसी एवं सीएए कानून के बारे में समझाया। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अमर सिंह कानूनी एक्सपर्ट के रूप में उपस्थित थे, जिन्होंने सीएए एवं एनआरसी को लेकर लोगों की भ्रांतियां दूर की। उन्होंने लोगों को बताया किस तरह से यह कानून काम करेगा और जो लोग भारतीय हैं उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। अमर सिंह ने कहा कि कुछ लोग भ्रांतियां फैलाकर विशेष समुदाय के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं, जिससे न केवल देश का बल्कि उनका स्वयं का भी नुकसान हो रहा है। श्री सिंह ने विस्तारपूर्वक पार्क में घूम रहे लोगों को सीएए एवं नागिरकता कानून के बारे में जानकारी दी ।
उन्होंने बताया कि यह क़ानून पड़ोसी देशों से शरण के लिए भारत आए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है किन्तु अगर पडोसी देश से अन्य धरम के लोग भी आते हैं और यदि वे राजनैतिक दुर्व्यवहार के शिकार हैं तो उन्हें भी भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6 के अधीन देशीयकरण के द्वारा नागरिकता प्रदान की जा सकती है । संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ देश भर में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों दुर्भाग्यपूर्ण एवं बेहद निराशाजनक हैं। नागरिकता कानून से किसी भी भारतीय को नुकसान नहीं होगा।
इस अवसर पर इन जागरकता टोलियों का संचालन कर रहे पारस भारद्वाज ने नागरिकता संशोधन बिल को देश के हित में बताया और कहा कि जो भी लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं या दंगे और आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, उनको पहले इस बिल को पढऩा चाहिए और इसके तथ्यों से भलीभांति वाकिफ हो जाना चाहिए। कुछ असमाजिक तत्व अफवाह फैला रहे हैं और निहित स्वार्थों की खातिर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। पारस भारद्वाज ने कहा कि सभी धर्मों एवं संप्रदाय के लोगों को कानून के दायरे में रहकर ही कार्य करना चाहिए, आगजनी या हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। पारस भारद्वाज इससे पहले भी जागरूकता के लिए पैदल यात्रा ओल्ड फरीदाबाद में निकाल चुके हैं जो कि प्रदेश में पहला सीएए के समर्थन में प्रदर्शन था | इस अवसर पर मुख्य रूप से अनीता पारशर, प्रवीण चौधरी, राजकुमार वोहरा, सुभाष कुकरेती, अविनाश ठाकुर, मनोज नागर, ब्रजपाल रावत, मुकेश वशिष्ठ, आशा रानी, गीता ङ्क्षसंह, बादल डैग, सागर भाटिया, किशन डैंग, संजय भाटिया, जितेन्द्र भाटिया, विक्की, भारत छाबड़ा, चमन बोकन, गुलशन अरोड़ा, गोपाल कृष्णा, खेमचंद, अमित सैनी, गुरचरण सिंह डोरा, रविन्द्र अधाना, रविन्द्र चौधरी एवं मनीष राघव आदि उपस्थित रहे।
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