नई दिल्ली: जो आता है वो जाता है, कोई 100 साल पार कर जाता है तो कोई किसी घटना-दुर्घटना का शिकार होकर जल्दी ये दुनिया छोड़ देता है। कोई घटना-दुर्घटना का शिकार अपनी गलती के कारण होता है तो ऐसी भी तमाम घटनाएं होती हैं जिनमे दूसरों की गलती के कारण लोग हादसे का शिकार हो जाते हैं। दिल्ली की एक फैक्ट्री आ 43 लोगों की कब्रगाह बन गई। शिकार हुए मजदूरों की गलती सिर्फ यही थी कि वो गरीब थे, जहां काम करते थे वहीं सो जाते थे। बाहर किराए पर इसलिए कमरा नहीं लिया ताकि कुछ रूपये और बच जाएँ और बाहर आने जाने में जो समय लगता था उस समय में वो और काम कर सकें ताकि चार पैसे और आ जाएँ। आज उन 43 घरों में मातम होगा। उनके रिश्तेदार भी शायद ही चैन से सो सकें। एक दर्दनाक घटना हुई है लेकिन जो आता है वो जाता है ऊपर लिख चुका हूँ और अब बात करें राजनीति की तो यहाँ भी जो आता है वो जाता है और यहाँ अधिकतर जाने वाले अपनी गलती के कारण जाते हैं। देश पर कई वर्षों तक राज कर चुकी कांग्रेस भी 2014 में ऐसी गई कि 2019 में भी नहीं आ सकी लेकिन अब वापसी का प्रयास कर रही है और कई राज्यों में कांग्रेस की सरकार बन गई है और भाजपा की उन राज्यों से विदाई हो चुकी है। कांग्रेस अपनी गलती के कारण गई और अब भाजपा की गलती के कारण वापस आ रही है। कांग्रेस सबसे ज्यादा मनमोहन सरकार के दौरान कमजोर हुई क्यू कि घोटाले, भ्रष्टाचार और लूट ही हद पार हो गई थी। मनमोहन सिंह ईमानदारी का झुनझुना बजाते रहे और कई मंत्री बड़े बड़े घोटाले करते रहे और उनकी सरकार के एक बड़े मंत्री तो हाल में ही तिहाड़ जेल से कई महीने बाद छूटे हैं।
अब भाजपा क्यू जाने लगी, हरियाणा अब तक अपने राजनीतिक अनुभव के सूत्रों से आपको ये बात बताये तो हमें लगता है भाजपा अब बड़ी गलती करने लगी है। हरियाणा में रहने के कारण हम हरियाणा भाजपा को ज्यादा जानते हैं और हरियाणा भाजपा पर हम 2015 में भी सवाल उठा चुके थे कि ढोंग ढकोसले ज्यादा कर रही है खट्टर सरकार जो भाजपा की सेहद के लिए अच्छा नहीं है। लगभग दो महीने पहले हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों के बाद आपने देख लिया कि 75 पार का नारा टांय-टांय फुस्स हो गया। भाजपा ने 75 पार का नारा देकर प्रदेश के तमाम विपक्षियों को अपने पाले में खड़ा कर लिया वरना किसी भी कीमत पर खट्टर की वापसी नहीं होती। विपक्षी डर गए और उन्हें लगा कि 75 नहीं तो 60 सीटें तो आ ही सकती हैं और प्रदेश में भाजपा की ही सरकार बनेगी इसलिए दर्जनों बड़े विपक्षी भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा ने उनमे से अधिकतर विपक्षी नेताओं को झुनझुना पकड़ा दिया। टिकट तक नहीं दिया। न ही अब तक उन्हें किसी बोर्ड का चेयरमैन बनाया जिस कारण जल्द अब भाजपा में भगदड़ मचने वाली है।
हरियाणा भाजपा की बात करें तो अब भी टीम खट्टर का ढोंग ढकोसला जारी है। पूरी सरकार और सभी जिले के अधिकारी गीता महोत्सव में व्यस्त हैं। टीम खट्टर ऐसे ही चलती रही तो अगली बार भाजपा को शायद ही 20 सीटें मिलें।
अब आते हैं केंद्र सरकार पर तो अब पीएम मोदी का ग्राफ गिरने लगा है क्यू कि देश में आर्थिक मंदी, मंहगाई से लोग परेशान हैं। लोगों का कहना है कि अब देश में मोदी सरकार सब कुछ ठीक नहीं कर रही है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद देश के लोग मोदी सरकार से खुश हुए और अब अयोध्या में जल्द राम मंदिर का शुभारम्भ होगा इसका फायदा भी 2024 में मोदी सरकार को मिलेगा लेकिन मोदी सरकार भी अपने लक्ष्य से भटक गई है। देश के लोग शिक्षित है और भाजपा देश के लोगों को ज्यादा समय तक बेवकूफ नहीं बना सकती इसलिए अब भाजपा को ढोंग ढकोसले छोड़ जमीन पर काम करने की जरूरत है। पूरा सिस्टम भ्रष्ट हो चुका है। खाने वालों की खुराक और बढ़ गई है। मोदी अब मनमोहन साबित होने लगे हैं और ऊपर लिखा हूँ जो आता है वो जाता है और अभी अभी जानकारी मिली है कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना की है और रघुराम राजन ने कहा है कि भारत को राष्ट्रीय और धार्मिक नायकों की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं बनाने के बजाए ज्यादा से ज्यादा आधुनिक स्कूल और विश्वविद्यालय बनवाने चाहिए।
रघुराम राजन ने सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग के लिए भी नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि सरकार अपने ही अधिकारियों को कमजोर कर रही है, क्योंकि उन्हें भविष्य की सरकारों द्वारा भी ऐसी ही कार्रवाई का डर सताएगा। राजन ने लिखा है कि प्रोफेशनलिज्म का मतलब ये है कि जांच करने वाली और टैक्स एजेंसियों को किसी के पीछे पड़ने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। इसके अलावा जांच एजेंसियों को ये सावधानी बरतनी चाहिए कि वे सभी बिजनेस को ही कहीं झूठ और अपराधिक न घोषित कर दें। उन्होंने कहा कि ये संदेश नहीं जाना चाहिए कि इनका राजनीतिक बदले की भावना से इस्तेमाल किया जा रहा है।
राजन के लेख में सच्चाई है, भाजपा ढोंग ढकोसले में व्यस्त है। मंदिर, मस्जिद, गीता जयन्ती, बड़ी-बड़ी मूर्तियों में हजारों करोड़ लगाए जा रहे हैं। शिक्षा स्वाथ्य पर कुछ नहीं किया जा रहा है ,पीएम की आयुष्मान भारत योजना भी लगभग फेल होने वाली है।
Post A Comment:
0 comments: