नई दिल्ली: रामलीला मैदान के रैली में पीएम मोदी ने आज फिर अर्बन नक्सलियों की बात की। सोशल मीडिया पर अर्बन नक्सल फिर ट्रेंड हो रहा है। बहुत कम लोग इन नक्सलियों के बारे में जानते हैं। इस तरह के नक्सली देश के लिए काफी घातक साबित हो रहे हैं। इस तरह के नक्सलियों के कारण की जंगलों में रहने वाले नक्सलियों को पैसे और हथियार पहुँचते हैं। अक्टूबर, 2009 में बतौर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माना था कि देश में सबसे बड़ा खतरा नक्सली ताकतों का है। और उनके खिलाफ जिस तरह की सफलता की उम्मीद थी वो नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा था कि खतरा अभी टला नहीं है। मनमोहन सिंह ने शायद सच कहा था और अब लगभग 10 साल बाद अर्बन नक्सलियों की देश में गहरी पैठ बन चुकी है।
ये आपके आस पास ही रहते हैं लेकिन जल्द आप इन्हे पहचान नहीं पाएंगे। सोशल मीडिया पर इनके ट्वीट वगैरा देख समझने वाले इनके बारे में समझ जाएंगे। वामपंथियों ने देश में हजारों नक्सली पाल रखे हैं जिनमे से सैकड़ों किसी न किसी कालेज में डेरा जमाये बैठे हैं। देश के वामपंथी जानबूझकर कुछ छात्रों को विभिन्न कॉलेजों में एडमिशन लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। साथ ही कॉलेज कैंपस में ज्यादा समय तक रहने के लिए फेल होने जैसे हथकंडे भी आजमाने को कहते हैं। यही कारण है कि जेएनयू जैसे कई विश्वविद्यालयों में सैकड़ों छात्र दशकों से डेरा जमाये बैठे हैं। इनसे न के बराबर फीस ली जाती है। पांच-दस रूपये प्रतिमाह किराये पर इन्हे कैम्पस में कमरे मिले हुए हैं। ये वहाँ से बड़े-बड़े षड़यंत्र रच रहे हैं।
कुछ नक्सलियों को क़ानून के बारे में अच्छा ज्ञान है और आपने देखा होगा कि आतंकियों के केस भी कुछ वकील लड़ चुके हैं। सरकार कितना भी अच्छा काम करे ये नक्सली हमेशा सरकार के खिलाफ रहते हैं। मनमोहन सिंह के समय भी ये नक्सली उनके भी खिलाफ रहते थे। बॉलीवुड में कुछ लोग झटकों में खरबपति बन जाते हैं और इन नक्सलियों को धन उपलब्ध करवाते हैं। बॉलीवुड नक्सली समर्थकों से भरा पड़ा है। ये पहले भी देश के लिए घातक थे अब भी घातक हैं। कांग्रेस समझते हुए भी इनकी बातों में आ जा रही है। मनमोहन सिंह की बात कांग्रेस भूल चुकी है इसलिए नक्सलियों के हौसले और बढ़ते जा रहे हैं।
फिल्मकार अनुराग कश्यप की कई फ़िल्में आपने देखी होंगी। वो जमीन से आसमान पर अचानक पहुंचे और लगातार सरकार के खिलाफ ट्वीट करते हैं और टुकड़े गैंग, मोमबत्ती गैंग, खान मार्केट गैंग, आजादी गैंग, अर्बन नक्सली उनके ट्वीट को शेयर करते हैं। उन पर भी सवाल उठ रहे हैं और उन्हें सोशल मीडिया पर अर्बन? उनके कुछ ट्वीट से आप समझ सकते हैं कि वो? अफजल के समर्थक उनके ट्वीट को रि ट्वीट करते हैं। याकूब मेनन और कसाब के भी समर्थक, लगता है पूर्व पीएम मनमोहन और वर्तमान पीएम मोदी सच कहते हैं कि देश को अर्बन नक्सलियों से बड़ा खतरा है। कश्यप के ट्विटर पेज पर जाएँ एक भी पोस्ट नहीं पाएंगे जिसमे कोई पुलिसकर्मी घायल का वीडियो है। सब एक तरफा पोस्ट कर रहे हैं। एंटी पुलिस और एंटी सेना पोस्ट तमाम मिल जाएंगी।
देशद्रोही वो नहीं है जो सड़क पर हैं , देशद्रोही वो हैं जो सत्ता में हैं । देश हमारे लोगों से और संविधान से है,सत्ताधारियों से नहीं।देश तब भी था जब मोदी/शाह नहीं थे और आगे भी रहेगा । लेकिन ये भाजपा का देशद्रोह अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।देशभक्ति भाजपा को साबित करनी है,हमें नहीं।— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) December 21, 2019
हमारा प्रधान सेवक , हमारा प्रधान मंत्री , जनता का प्रधान नौकर @narendramodi बहरा है, गूँगा है , और भावनाओं के परे है । वो सिर्फ़ एक नौटंकी है जो भाषण दे सकता है बाक़ी कुछ उसके बस का नहीं है । उसको ना दिखाई दे रहा है ना सुनाई दे रहा है । वो अभी नए नए झूठ सीखने में व्यस्त है ।— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) December 20, 2019
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