फरीदाबाद, 19 नवंबर - प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जिसका सामना एनसीआर क्षेत्र के अधिकांश लोग दैनिक आधार पर करते हैं, और इसके कारण होने वाली समस्याएं दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही हैं। पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों के दृष्टिकोण में बदलाव लाने के उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हरियाणा पर्यावरण संरक्षण फाउंडेशन (एचईपीएफ) के फरीदाबाद चैप्टर के सहयोग से पर्यावरण क्षरण और इसके संरक्षण के लिए उपायों पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया। चर्चा सत्र में विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों ने भाग लिया। चर्चा में इस बात पर बल दिया गया कि प्रत्येक व्यक्ति द्वारा की जाने वाली एक छोटी से पहल भी बड़ा बदलाव ला सकती है।
चर्चा में पैनल सदस्यों में प्रशासनिक एवं अकादमिक क्षेत्र के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया, जिसमें जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ. सुनील कुमार गर्ग, मानव रचना शिक्षण संस्थान में महानिदेशक डॉ. एनसी वाधवा, संस्थान की डीन (शिक्षा) डॉ. बबिता पराशर, श्री फरीदाबाद शिक्षा परिषद के सदस्य डीसी चैधरी, सेवानिवृत्त एचसीएस अधिकारी श्री पुष्पेंद्र सिंह चैहान, एचवीपीएन के सेवानिवृत्त निदेशक श्री एस. के. सचदेवा शामिल हुए।
इस अवसर पर पर्यावरण विज्ञान के अध्यक्ष डॉ. आशुतोष दीक्षित, परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजीव कुमार और अन्य वरिष्ठ संकाय सदस्य भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का समन्वय पर्यावरण विज्ञान विभाग की संकाय प्रभारी डॉ. रेणुका गुप्ता ने किया।
संवाद सत्र के अंतर्गत प्रदूषण के प्रति जागरूकता लाना, फरीदाबाद जिले की तथ्यात्मक स्थिति का अवलोकन करना तथा में स्कूल और कॉलेजों में पर्यावरण संरक्षण के लिए की जा रही पहल का साझा करना था। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में सभी विद्यार्थियों और संकायों को अवसर दिया गया कि वे प्रदूषण की समस्या से खुद को जोड़ते हुए इस बात पर चर्चा करें कि कैसे प्रत्येक व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन को कम करने तथा एक स्वस्थ प्राकृतिक वातावरण बनाने में कैसे अपना योगदान दे सकता है।
इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. एनसी वाधवा ने एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण से संबंधित वर्तमान स्थिति, इसके कारणों और सरकारी संस्थाओं द्वारा समस्या के समाधान के लिए किये जा रहे प्रयासों का विवरण प्रस्तुत किया। डॉ. वाधवा ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना सभी की जिम्मेदारी है, और यह समस्या विषय को लेकर बेहतर समझने के साथ शुरू होता है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए अच्छी आदतों को अपनाने और बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों को प्रोत्साहित किया।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों के दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हरियाणा पर्यावरण संरक्षण फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने विद्यार्थियों से कार्यक्रम के प्रचार के लिए पर्यावरण राजदूत के रूप में कार्य करने और पर्यावरण संरक्षण का संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का आग्रह किया।
कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग ने कहा कि शिक्षा, जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण के लिए अच्छी आदतों का अपना ऐसे समाधान हैं जो वास्तविक परिवर्तन ला सकते हैं।
इससे पहले, डॉ. बबीता प्रसाद ने एचईपीएफ के उद्देश्यों की जानकारी दी तथा अवगत करवाया कि फाउंडेशन उद्योग, गैर सरकारी संगठनों, समुदाय, धर्मों संस्थाओं तथा शिक्षण संस्थानों के सहयोग से गंभीर पर्यावरणीय आपातकाल को कम करने के लिए एक रणनीतिक कार्य योजना तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है।
उन्होंने कार्य योजना के तहत की जाने वाली गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया जिसमें रन फॉर द एनवायरनमेंट, प्रासंगिक दिवस जैसे कि पृथ्वी दिवस और पर्यावरण दिवस का आयोजन, अच्छी आदतों को अपनाने पर बल देना, वृक्षारोपण अभियान, वनस्पतियों एवं जीव-जंतुओं का संरक्षण, प्लास्टिक, रसायन और ई-कचरे के उपयोग को कम करना शामिल है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए, फरीदाबाद जिले को चार क्षेत्रों में विभाजित किया गया है जिसमें पुराने फरीदाबाद, एनआईटी, बल्लभगढ़ और ग्रामीण फरीदाबाद शामिल हैं। फाउंडेशन का शिक्षा समूह कार्यक्रम के प्रभावी और सफल निष्पादन को सुनिश्चित करने के लिए जोनल, क्लस्टर और व्यक्तिगत स्कूल स्तर पर समितियों का गठन करेगा।
इस अवसर पर, विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में की गई अपनी छोटी-छोटी पहल को भी साझा किया। एमएससी (पर्यावरण विज्ञान) के छात्र मोनू भारद्वाज द्वारा कचरे के डंपिंग ग्राउंड को एक हरे भरे पार्क में बदलने की पहल को सभी के द्वारा बहुत सराहा गया।
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