भिवानी - भिवानी चैम्बर ऑॅॅफ कॉमर्स के जिला अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय महासचिव पवन बुवानीवाला ने कहा कि आज देश भंयकर मंदी के दौर से गुजर रहा है। परन्तु सरकार व्यापारियों एवं उद्योगपतियों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रही है। बुवानीवाला ने बताया कि आर्थिक मंदी ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को पिछले एक साल से बुरी तरह जकड़ा हुआ है। टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी और महिंद्रा जैसी बड़ी कंपनियों के शेयर में भारी लगभग 55ः की गिरावट आयी है। साथ ही तीन माह के अंदर 2 लाख नौकरिया भी चली गयी हैं। प्रान्तीय महासचिव पवन बुवानीवाला ने बताया कि कपड़ा उद्योग की हालात अत्यन्त खराब है। हाल ही में कपड़ा मिलों के संगठनों ने विज्ञापन दिया है जिसमें उन्होंने नौकरियाँ खत्म होने के बाद फैक्ट्री से बाहर आते लोगों का स्केच बनाया है और इसके नीचे बारीक आकार में लिखा है कि देश की एक-तिहाई धागा मिलें बंद हो चुकी हैं, और जो चल रही हैं उनकी स्थिति ऐसी भी नहीं है कि वे किसानों का कपास खरीद सकें। बुवानीवाला ने बताया कि अलावा अनुमान है कि आने वाली कपास की फसल का कोई खरीदार भी न मिले। अनुमान है कि 80,000 करोड़ रुपये का कपास उगने जा रहे है, जिसकी खरीदारी न होने पर इसका असर किसानों पर भी पड़ेगा।
बुवानीवाला ने कहा कि सरकार द्वारा नए-नए आदेश जारी करके पिछले कई दिनों से हजारों फैक्ट्रियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों से बंद किया हुआ है। जिससे उद्योगपतियों को लगभग अब तक करोडों रुपए का नुकसान हो चुका है। उद्योग बंद होने से लाखों कर्मचारियों को रोजगार का संकट आ गया है। प्रांतीय महासचिव पवन बुवानीवाला ने कहा कि सरकार प्रदूषण रोकने में नाकाम होने पर अपनी विफलता को छुपाने के लिए फैक्ट्रियों को बंद किया गया है। उद्योगपति प्रदूषण बोर्ड की सारी कागज कार्रवाई करने के बाद ही अपने उद्योग चलाता है। ऐसे में उद्योगों को बंद करना प्रदेश के उद्योगपति व कर्मचारियों के साथ ज्याती है। अगर सरकार तुरंत प्रभाव से बंद पड़े उद्योग को चालू नहीं किया तो हरियाणा का उद्योगपति, व्यापारी व कर्मचारी सरकार की तानाशाही नीतियों के खिलाफ काम धंधे बंद करके सड़कों पर आ जाएगा। जबकि पानीपत में छोटी-बड़ी लगभग 20000 फैक्ट्रियां बंद, फरीदाबाद में 7000, बहादुरगढ़ में 4000, सोनीपत जिले में 1100 आदि जिलों में ऐसे बंद पड़ी है। प्रांतीय महासचिव पवन बुवानीवाला ने कहा कि देश व प्रदेश में पहले ही भारी मंदी के कारण व्यापार व उद्योग धंधे चौपट हो गए हैं। जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। ऊपर से उद्योगों को बंद करके सरकार प्रदेश में बेरोजगारी को बढ़ावा देने में लगी हुई है। जबकि सरकार को प्रदूषण खत्म करने के फैक्ट्रियां बंद करने की बजाएं कारगर उठाने चाहिए।
Post A Comment:
0 comments: