नई दिल्ली: देश का सबसे चर्चित मामले का आज फैसला आ गया और देश ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को माना है। आपको बता दें कि केके मुहम्मद को बहुत कम लोग जानते होंगे। भारतीय पुरातत्विक सर्वेक्षण के अधिकारी केके मुहम्मद ने ही सबसे पहले कहा था कि बाबरी मस्जिद के नीचे मंदिर था। 1992 में जब ढांचा गिराया गया तो उसके बाद कोर्ट में मामला दर्ज हुआ और ढांचे के नीचे की खुदाई में कई ऐसे सबूत मिले जिससे ये साबित हुई कि बाबरी मस्जिद बनने के पहले यहां कोई मंदिर था।
वर्ष 1977 में विवादित भूमि का पुरातात्विक सर्वेक्षण किया था तब उस टीम में केके मुहम्मद प्रशिक्षु के तौर पर शामिल थे। इसके बाद 2003 में भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर विवादित जमीन की खुदाई की थी जिसके बाद कई सबूत मिले थे जिसके आधार पर आज सुप्रीम कोर्ट ने ये ऐतिहासिक फैसला सुनाया। केके मुहम्मद का कहना है कि मैंने अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाई और जो कुछ मुझे दिखा था वही बताया।
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