फरीदाबाद: पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में जिला उपायुक्त अतुल कुमार ने बताया था फरीदाबाद जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 15 लाख 12 हजार 47 है। जिले की वास्तविक जनसँख्या कितनी है कोई लिखित जानकारी नहीं है लेकिन अनुमान लगाएं तो लगभग 25 लाख से ज्यादा है। जिले में लगभग 65 फीसदी लोग आम आदमी या गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। जिले के 10 से 15 लाख लोगों को हरियाणा सरकार तमाम सुविधाएँ देती है लेकिन ये सुविधाएँ अधिकतर लोगों तक नहीं पहुँच पा रही है। 2014 से पहले भूपेंद्र हुड्डा सरकार के समय भी गरीबों को ये सुविधाएँ उस समय की सरकार यानि हुड्डा सरकार देती थी लेकिन उस समय भी गरीबों तक सभी सुविधाएँ नहीं पहुँच पाती थीं इसलिए जनता ने हुड्डा सरकार को 2014 में विदा कर दिया और भाजपा पर भरोषा जताया लेकिन 2014 से 2019 तक भाजपा की खट्टर सरकार भी गरीबों तक सभी सुविधाएँ नहीं पहुंचा सकी और हुड्डा की तरह खट्टर की खटिया खड़ी हो चुकी थी लेकिन दुष्यंत चौटाला ने उस खटिया टपकने से बचा दिया।
2014 से 2019 तक हरियाणा में खट्टर ने कम राज किया, भ्रष्टों का राज ज्यादा रहा। खट्टर ईमानदारी का चोला पहन बैठे रहे। भ्रष्ट मलाई खाते रहे इसलिए जनता भाजपा से नाराज होती रही लेकिन जनता के पास कोई विकल्प नहीं था क्यू कि चौटाला परिवार विखर गया था और कांग्रेसी नेता आपस में ही लड़ रहे थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की गर्दन तक तोड़ दी गई फिर भी जनता ने कांग्रेस को इस चुनाव में 31 सीटें दे दी। अगर कांग्रेस में कलह न होती तो 62 भी आ सकतीं थीं। इस बार खट्टर सरकार सुधरेगी या अगली बार कांग्रेस 62 पार जाने वाली है ये तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन लगता नहीं है खट्टर सरकार सुधर जाएगी। इसका प्रमुख कारण है कि खट्टर के तमाम विभागों के अधिकारियों का पेट काफी मोटा हो गया है ,वो कम खाकर गुजारा शायद ही कर सकें। कम खाएंगे तो शायद उन्हें नींद न आये क्यू कि जिसे ज्यादा खाने की बीमारी लग जाती है वो जल्द नहीं जाती।
खाने की बीमारी का प्रमुख उदाहरण हमें फरीदाबाद में देखने को मिल रहा है। हरियाणा अब तक लगभग तीन हफ्ते से फरीदाबाद के लगभग 10 लाख गरीबों के पेट पर लात मार उनका राशन डकार जाने की रिपोर्ट सबूत के साथ पोस्ट कर रहा है लेकिन खट्टर के महा भ्रष्ट अधिकारियों को शायद अभी तक हमारा एक भी वीडियो नहीं दिखा। क्या फरीदाबाद के कई विभागों के अधिकारी अनपढ़ हैं? क्या वो स्मार्ट फोन नहीं रखते? क्या वो सोशल मीडिया पर ध्यान नहीं देते? दोस्तों अनपढ़ों के हाथ में भी स्मार्ट फोन देखा जा सकता है और उनके फेसबुक पर खाते हैं और व्हाट्सएप भी वो चलाते हैं। खट्टर के भ्रष्ट अधिकारी आँखें मूंदकर क्यू बैठे हैं अब सवाल उठने लगा है।
फरीदाबाद के लगभग 10 लाख गरीबों में से 5 लाख से ज्यादा गरीबों का राशन माफिया डकार रहे हैं। एक गरीब को सरकार हर माह पांच किलो गेंहूं देती है और आंकड़ा लगाएं तो पांच लाख गरीबों के हिस्से का लगभग 25 लाख किलो गेंहूं ब्लैक में बेंचा जा रहा है। राशन माफिया लगभग 5 करोड़ रूपये का गेंहूं हर माह ब्लैक कर रहे हैं। फरीदाबाद में चार से पांच राशन माफिया ये बड़ा खेल खेल रहे हैं। ये ओल्ड फरीदाबाद में जब हमने सर्वे किया तो किसी पंकज और करण सिंगला और सुरेंद्र का नाम आया। एक युवा एडवोकेट ने सीपी दफ्तर में लिखित शिकायत भी दी जो लगभग 10 दिन हो गए और लगता है शिकायत जहाँ पहुँची उन अधिकारीयों को राशन माफियाओं ने खरीद लिया। चढ़ावा चढ़ा दिया। हमने मंत्रिमंडल में विस्तार के बाद देखा कि गरीबों का राशन डकारने वाले माफिया खट्टर सरकार के मंत्रियों को मोटी माला पहना रहे हैं। दिल में पीड़ा हुई लेकिन क्या करें मजबूर हैं क्यू कि जब हरियाणा का मुखिया ही नाकाबिल है तो हम किसी के सामने कोई फरियाद नहीं कर सकते कि गरीबों को बचा लो।
अब हमें फरीदाबाद जिले के हर क्षेत्र से फोन आ रहे हैं कि उन जगहों पर भी गरीबों को राशन नहीं मिल रहा है। आज मैं बड़खल विधानसभा क्षेत्र के दयालनगर गया जहाँ किसी माफिया के लगभग 6 राशन डिपो है और वहां के गरीबों को भी समय से राशन नहीं मिलता। कई-कई महीने बाद मिलता है। अब हरियाणा अब तक के पास प्रदेश के तमाम जिलों से फोन आ रहे हैं जिसे देख लगता है कि खट्टर सरकार की तमाम कमियों के कारण भाजपा 75 पार से बहुत दूर रही।
दिल्ली में आज भाजपा कोर ग्रुप की बैठक हुई और कहा गया कि चर्चा की गई कि हम 75 पार क्यू नहीं गए, खट्टर साहब नाच न जाने आँगन टेढ़ा? इस पोस्ट पर गौर करें आपको जानकारी मिल जाएगी कि क्यू 75 पार का सपना चकनाचूर हो गया। नहीं गौर करेंगे तो अगली बार सिर्फ 20 सीटें भाजपा को मिलेंगी। प्रदेश में भ्रष्टों का राज है, आप उस तरह के सीएम 2014 से 2019 में साबित हुए जिस तरह किसान लोग अपने खेतों को जानवर के आतंक से बचाने के लिए कोई पुतला खड़ा कर देते हैं। अब जानवर आधुनिक हो गए हैं। उन पुतलों से नहीं डरते और खेत खराब कर जाते हैं। पिछले कार्यकाल में आपके पास चमचों की फ़ौज रही। अब आप अपने कामकाज के तरीके बदलने से पहले चमचों को बदलें वरना 2014 में अपने आप हरियाणा में कांग्रेस आ रही है।
Post A Comment:
0 comments: