नई दिल्ली: कांग्रेस हरियाणा में भाजपा से कम सीट सत्ता से दूर है तो महाराष्ट्र में भाजपा से कम सीट पाकर सत्ता की नकेल अपने हाँथ में ले रही है। अब महाराष्ट्र की शिव सेना-एनसीपी सरकार को कांग्रेस की हर बात उसी तरह से माननी पड़ेगी जैसे हरियाणा में खट्टर को को दुष्यंत की। हरियाणा भाजपा अब दुष्यंत को शायद ही आँख दिखा सके और जिस दिन दिखाएगी उसी दिन सब चौपट हो जाएगा। सरकार गिर जाएगी। महाराष्ट्र भाजपा को लगता है कि वहां शिव सेना और एनसीपी की सरकार ज्यादा समय तक नहीं चल पाएगी तो हरियाणा में कांग्रेस को लगता है कि खट्टर-दुष्यंत की सरकार भी ज्यादा समय तक नहीं चल सकगी।
हरियाणा में जजपा को 10 सीटें इसलिए मिलीं क्यू कि दुष्यंत लगातार खट्टर सरकार के खिलाफ बोलते रहे और उन्होंने कई घोटालों का जिक्र किया लेकिन चुनावों के बाद उन्होंने भाजपा से हाथ मिला लिया। प्रदेश में भाजपा जजपा की सरकार बन गई। कांग्रेस को लगता है कि हरियाणा में मध्यावधि चुनाव होंगे क्यू कि भाजपा जजपा को आगे नहीं बढ़ने देगी और दुष्यंत इसी बात पर भाजपा से समर्थन वापस लेंगे।
महाराष्ट्र की बात करें तो शिव सेना और भाजपा ने कांग्रेस और एनसीपी के खिलाफ बोलकर अधिकतर सीटें जीती लेकिन अब शिव सेना कांग्रेस और एनसीपी को साथ लेकर सरकार बना रही है और वहां भाजपा नेताओं का कहना है कि ये सरकार ज्यादा समय तक नहीं चल सकेगी।
अब फिर आते हैं हरियाणा पर और यहाँ एक अलग ही खिचड़ी पक रही है। सूत्रों की मानें तो चुनावों के पहले जिन कांग्रेसी और इनेलो नेताओं सहित अन्य पार्टियों के नेताओं ने भाजपा का दामन थामा था उनमे से कइयों कइयों को टिकट नहीं मिली तो जिन्हे टिकट मिली उनका कहना है कि भाजपा ने हमारा साथ नहीं दिया। ऐसे में ये नेता समय का इंतजार कर रहे हैं और समय आने पर इनमे से कई नेता बड़ा वाला बम फोड़ेंगे और हरियाणा अब तक अपने सूत्रों की बात करे तो इन नेताओं का बड़ा वाला बम भाजपा के लिए काफी घातक साबित होगा।
फ़िलहाल ये नेता इन्तजार कर रहे हैं कि भाजपा सरकार उन्हें क्या देती है। टिकट नहीं दिया तो कोई पद या मिल जाये। इस पर भी कुछ नेता संतुष्ट हो सकते हैं। किसी को उम्मीद है कि उन्हें किसी न किसी विभाग के चेयरमैन के काबिल तो समझा ही जायेगा।
इन नेताओं ने से कई पिछले कार्यकाल में विधायक थे तो कई पूर्व विधायक और कई नेता कई-कई बार विधायक और मंत्री भी रह चुके हैं। हरियाणा अब तक को अपने बारीकी सूत्रों से पता चला है कि कई नेताओं को कुछ अश्त्र मिल चुके हैं और ये अश्त्र भाजपा के लिए घातक साबित होंगे। विधानसभा चुनावों से एक या दो महीने पहले भाजपा में शामिल होने वाले दूसरे दलों के नेता बड़े-बड़े भाजपा नेताओं के साथ देखे गए। इन नेताओं को भाजपा के अंदर की बात पता चल गई है।
भाजपा की टिकट कैसे मिलती है प्रदेश के दर्जनों नेताओं को ये बात पता चल चुकी है। हरियाणा अब तक अपने सूत्रों की मानें तो अभी ये तमाम नेता कुछ माह तक इंतजार करेंगे। अगर भाजपा इन्हे खुश करती है तो ये खामोश रहेंगे। अगर इन्हे नजर अंदाज किया जायेगा तो ये नेता एक-एक करके बम फोड़ना शुरू कर देंगे। बम बड़े वाले होंगे। टीम खट्टर झेल नहीं पाएगी। इन नेताओं को भाजपा में शामिल करवाना और इन्हे नजरअंदाज करना भाजपा पर बहुत भारी पड़ेगा क्यू कि ये नेता भाजपा में शामिल होकर बहुत बड़ा राज जान चुके हैं। इनमे से कई नेताओं ने हरियाणा अब तक को नाम न लेने की शर्त पर बताया कि हमारे साथ बहुत बड़ा छल कपट किया गया है। उसकी भरपाई न की गई तो हम ऐसा बम फोड़ेंगे कि?
कई आरएसएस और भाजपा के बड़े नेता किसी को मुँह दिखाने के लायक नहीं रहेंगे।
आपको बता दें कि चुनावों के कई महीने पहले हरियाणा भाजपा ने नारा दिया कि अबकी बार 75 पार, मीडिया में इसे जोर शोर से चलवाया गया जिसे देख दूसरी पार्टियों के दर्जनों विधायक और तमाम पूर्व विधायक भाजपा में भर्ती हो गए लेकिन टिकट वितरण के समय कइयों को झुनझुना बजाने को दे दिया गया। इनमे से तमाम नेता अगर अपनी पार्टी में रहकर चुनाव लड़ते तो चुनाव जीत सकते थे लेकिन झांसे में आ गए। अब इन्हे बहुत कुछ पता चल चुका है। इन्हे पता चल चुका है कि दुबारा सत्ता पाने के लिए भाजपा ने छल कपट किया है। इन नेताओं का कहना है कि छल कपट न किया जाता और हम लोग अपनी पार्टी में रहते तो हरियाणा भाजपा 20 सीटों का आंकड़ा भी नहीं पार कर सकती थी।
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