नई दिल्ली- दिल्ली एनसीआर सहित हरियाणा के कई जिलों में सांस लेना मुश्किल हो गया है। भारी प्रदूषण से जन जीवन बेहाल है। नोयडा, दिल्ली और फरीदाबाद में अगले दो दिनों के लिए स्कूल बंद करने के आदेश दिए गए हैं। गाजियाबाद में तो एक्यूआई 1241 पर पहुंच गया है, जबकि दिल्ली के अलीपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 900, नरेल में 986, आनंद विहार में 979 पहुंच गया है। जिससे प्रदूषण मापक मशीनें फेल हो गईं। फरीदाबाद में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से ऊपर ही रहा। देश के नेता प्रदूषण कम करने का हर प्रयास कर रहे हैं। कागजों पर बड़े बड़े दावे कर रहे हैं। अखबारों में एड निकलवा अपनी पीठ खुद ठोंक रहे हैं। दिल्ली सरकार हरियाणा और पंजाब के किसानों पर पराली जलाने का आरोप लगा रही है तो हरियाणा सरकार विज्ञापन निकलवा दावा कर रही है कि प्रदेश में पहले से कम पराली जलाई गई। हरियाणा के सीएम ने अख़बार में एड निकलवा प्रदेश में पराली जलाने में इस बार 6. 5 फीसदी कमी आई है।
प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला खट्टर से भी आगे निकले और मीडिया को दिए बयान में उन्होंने कहा कि इस बार पिछले साल से 34 फीसदी कम पराली जलाई गई है।
सीएम और डिप्टी सीएम के बयान सोशल मीडिया पर वाइरल हो रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है कि खट्टर सरकार के विज्ञापन कहते हैं कि पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की घटनाएं 6.5 फीसदी हुई।
उपमुख्यमंत्री
@Dchautala
बयान देते हैं कि 34 फीसदी कम पराली जलाई गई इस साल। #झूठ विज्ञापन बोल रहा है या दुष्यंत?
इस ट्वीट के बाद पूर्व सांसद दीपेंदर सिंह हुड्डा ने लिखा है कि सही पकड़ा
@MahenderTweets
एक तरफ़ BJP वाले है जो करेंगे धेल्ला और बताएँगे सौ तो दूसरी ओर अवसरवादी गठबन्धन वाली JJP हैं जो बिना कुछ करें ही सवा सौ बता दे।
पर असली विडम्बना तो उस किसान के लिए है जिससे दावा किया गया था पराली तक ख़रीदने का लेकिन जिसकी आज जिरी भी ख़रीदी नही जा रही।
सही पकड़ा @MahenderTweetsएक तरफ़ BJP वाले है जो करेंगे धेल्ला और बताएँगे सौ तो दूसरी ओर अवसरवादी गठबन्धन वाली JJP हैं जो बिना कुछ करें ही सवा सौ बता दे।पर असली विडम्बना तो उस किसान के लिए है जिससे दावा किया गया था पराली तक ख़रीदने का लेकिन जिसकी आज जिरी भी ख़रीदी नही जा रही। https://t.co/U80o0h0yqm
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) November 3, 2019
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