चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनावों के पहले भाजपा की टिकट वितरण के दौरान जो कुछ हुआ था अब वही कहानी मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान भी दोहराई जा सकती है। 27 अक्टूबर को सीएम और डिप्टी सीएम ने शपथ ली इसके बाद तीन दिन विधानसभा सत्र भी चला और पहली बार विधानसभा में सत्र के दौरान कोई मंत्री नहीं था। सीएम के शपथ लेने के बाद अब तक मंत्रिमंडल में विस्तार नहीं हो सकता है। ठीक वैसे जैसे टिकट वितरण के दौरान हुआ था। भाजपा ने उम्मीदवारों की लिस्ट 10 दिन से तैयार कर रखी थी लेकिन अंतिम समय में दो केंद्रीय मंत्रियों ने लिस्ट को तहस-नहस कर दिया था।
अब कहा जा रहा है कि जिन नेताओं को मंत्री बनाया जाना है उनकी लिस्ट कई दिनों से तैयार है लेकिन सूत्रों से जानकारी मिली है कि भाजपा के दोनों कद्दावर नेता एवं केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत व कृष्णपाल गुर्जर भी हरियाणा मंत्रिमंडल में अपने चहेते विधायकों को जगह दिलवाने में हाईकमान स्तर पर जबरदस्त लॉबिंग में जुट गए हैं।
सूत्रों की मानें तो भाजपा-जजपा ने जो लिस्ट बनाई है उसमे भाजपा की ओर से विधायक अनिल विज, कंवरपाल गुर्जर, सुभाष सुधा, हरविंद्र कल्याण, डॉ. कमल गुप्ता, डॉ. अभय सिंह यादव, डॉ. बनवारी लाल, रणबीर गंगवा, डॉ. कृष्ण मिड्डा, सीमा त्रिखा, मूलचंद शर्मा, रामकुमार कश्यप व महिलपाल ढांडा में से ही अधिकतर नेता मंत्री बनाये जा सकते हैं।
जजपा की ओर से विधायक ईश्वर सिंह, देवेंद्र सिंह बबली, अनूप धानक व रामकुमार गौतम और निर्दलीयों में से विधायक रणजीत सिंह चौटाला, बलराज कुंडू, सोमबीर सांगवान, रणधीर सिंह गोलन का नाम भी लिस्ट में शामिल बताया जा रहा है लेकिन अब दो केंद्रीय मंत्री फिर सुर्ख़ियों में हैं। ये दोनों मंत्री लिस्ट में काट छांट कर सकते हैं। इनके कई पसंसीदा नेता मंत्री बन सकते हैं। जैसे भाजपा की टिकट वितरण के समय हुआ था। इन दोनों मंत्रियों के कई चहेते नेताओं को टिकट मिली और उनमे से अधिकतर चुनाव जीत भी गए। माना जा रहा है कि 10 नवंबर तक हरियाणा के मंत्रिमंडल की घोषणा हो जाएगी।
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