चंडीगढ़: हरियाणा भाजपा में सब कुछ लगभग ठीक था लेकिन चुनावों से ठीक पहले मुख्य्मंत्री मनोहर लाल ने जन आशीर्वाद यात्रा निकाल भाजपा के गुड़ को काफी मात्रा में गोबर कर दिया। शायद यही वजह है कि कल बीरेंद्र सिंह की कार्यकर्ता जनसभा में कार्यकर्ताओं ने इस यात्रा पर सवाल उठाया। हरियाणा भाजपा में उतनी गुटबाजी नहीं थी जितनी कांग्रेस में थी। कांग्रेस कई धड़ों में बंटी थी जिसका फायदा भाजपा को मिलता दिख रहा था लेकिन ठीक चुनावों के समय में खट्टर ने यात्रा निकाल भाजपा को विधानसभा स्तर पर कई गुटों में बाँट दिया। टिकट के अधिकतर दावेदार टिकट वितरण के बाद एक दूसरे की खिंचाई करने लगे। भितराघात शुरू हो गया जिस वजह से भाजपा का मिशन 75 फेल हो गया।
आज केबिनेट की बैठक के बाद इसी हफ्ते भाजपा की अन्य बैठकें हो सकती हैं जिसमे हारे हुए भाजपा के 50 प्रत्याशियों से उनकी हार का कारण पूंछा जाएगा। शायद ही एक प्रत्याशी ये कहे कि सीएम साहब आपकी यात्रा भी हमारी हार के कारणों में एक प्रमुख कारण है।
सीएम की जन आशीर्वाद यात्रा प्रदेश के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में गई। हर विधानसभा क्षेत्र में टिकट के दावेदारों ने यात्रा का स्वागत किया। यात्रा का स्वागत करने के लिए टिकट के दावेदारों ने पूरी जान लगा दी, भीड़ जुटाया, कई-कई लाख रूपये खर्च किये गए। ऐसे नेताओं को सीएम ने बस के ऊपर बुलाया और उनका हाथ पकड़ ऐसा जताया कि अब टिकट इन्हे ही मिलेगी लेकिन टिकट वितरण के समय जब ऐसे नेताओं को टिकट नहीं मिली तो इनमे से दर्जनों नेता भीतरघात करने लगे और कई सीटों पर भाजपा चुनाव हार गई। इस यात्रा के दौरान सीएम ने गर्दन काटने वाला बयान भी दे दिया और इससे भी भाजपा को काफी नुकसान हुआ। इन्ही दो खास वजहों से भाजपा बहुमत से दूर रही लेकिन जब बैठक होगी तो हारे हुए नेता सीएम के सामने ये वजहें शायद ही बताएं।
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