नई दिल्ली/ फरीदाबाद: जिन पर एक दो नहीं दर्जनों मामले धोखाधड़ी के दर्ज हों उन्हें ठग कहा जाता है और हरियाणा अब तक द्वारा कल से शुरू किये गए फेरस के ठगों के खिलाफ अभियान में अब तमाम पीड़ित सामने आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि वो कई वर्षों पहले इन ठगों का शिकार हुए थे और ठगों के खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया था लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। ये ठग अरबपति हैं और कई सौ करोड़ ठग चुके हैं इसलिए ये अधिकारियों को अपनी मुट्ठी में रखते हैं इसलिए इन पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
अब 2013 का एक मामला सामने आया है। फेरस के ठगों ने फरीदाबाद के सेक्टर-89 में फ्लैट देने के नाम पर दिल्ली के एक व्यक्ति से नौ लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी । पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने गुड़गांव की फेरस इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के तीन निदेशकों के अलावा प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ मामला दर्ज किया था लेकिन 6 साल बाद भी पुलिस इन महाठगों तक नहीं पहुँच सकी और इन ठगों के हौसले बढ़ते गए और इन्होने अरबों की ठगी कर डाली।
एक जानकारी के मुताबिक़ दिल्ली के अलीपुर में रहने वाले राजेंद्र प्रसाद ने थाना भूपानी में शिकायत दी थी कि गुड़गांव के गोल्फ कोर्स वाटिका टॉवर ब्लॉक तीन में प्रथम तल पर स्थित फेरस इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के निदेशकों सुरेंद्र सेठ, आशीष सेठ, अमित सेठ व फरीदाबाद के एनएच-तीन डी में स्थित चावला प्रॉपर्टीज के प्रोपराइटर विवेक चावला से एक फ्लैट लेने की बात तय हुई थी। यह फ्लैट फरीदाबाद के सेक्टर-89 में फेरस इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के बने फ्लैटों में से दिया जाना था। इस फ्लैट का सौदा नौ लाख रुपये में तय होने के बाद यह रकम कंपनी के निदेशकों व विवेक चावला को दे दी गई थी। आरोप था कि काफी समय बीतने के बाद भी उसे न तो सेक्टर-89 के विला में फ्लैट मिला और न ही इन लोगों ने उसके रुपये वापस लौटाए। पीड़ित थाने का चक्कर लगाते-लगाते थक गए लेकिन उन्हें मायूस ही होना पड़ा। ये शिकायत 14 जून 2013 को दी गई थी।
सेक्टर-89 के फ़्लैट दिखा फेरस के ठगों न जाने कितने लोगों को ठगा है। हरियाणा अब तक को इन ठगों की ठगी के एक और मामले की जानकारी मिली है। ये मामला 2017 का है।
सेक्टर-70 स्थित मैसर्स फेरस टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड में एक निवेशक ने 51 लाख 30 हजार रुपये की रकम जमा करवा दी है। लेकिन कंपनी ने बीते पांच वर्ष में भी उन्हें प्लॉट नहीं दिया है। सदर थाना पुलिस ने पीड़ित सेक्टर-सात सी निवासी अशोक कुमार की शिकायत पर कंपनी के एमडी सुरेंद्र सेठ, आशीष सेठ, अमित सेठ, प्रोजेक्ट इंचार्ज विपिन और जीएम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया था । पीड़ित ने अपनी शिकायत में कहा था कि फरवरी वर्ष 2012 में फेरस ने मेगा पॉलिससिटी के नाम से ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-70 में 102 एकड़ भूमि पर रिहायशी प्रोजेक्ट का विज्ञापन दिया था। इस विज्ञापन के आधार पर उन्होंने 250 वर्ग गज का प्लॉट बुक कराया था। वह 51 लाख 30 हजार रुपये जमा करवा चुके हैं। आरोप है कि पहले प्लान में टाउनशिप का गेट आइएमटी फरीदाबाद की तरफ खुलना था, लेकिन बिल्डर ने इस जमीन को किसी अन्य गु्रप को बेच दिया है। उस समय केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने पुलिस को निर्देश देकर बिल्डर पर यह एफआइआर दर्ज कराई थी । पीड़ित को उम्मीद थी कि पुलिस आरोपी बिल्डर को गिरफ्तार करेगी लेकिन उन्हें भी मायूस होना पड़ा।
इन ठगों के खिलाफ अब तक कार्यवाही क्यू नहीं की गई जबकि ये ठग अब भी सेक्टर-89 में फ़्लैट बेंच रहे हैं। बल्लबगढ़ से एक और पीड़ित सामने आ रहे हैं जिहोने सीएम विंडो और न जाने कहाँ-कहाँ शिकायत दी लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला, उनके जूते जरूर घिस गए। प्रदेश के मुख्य्मंत्री कहते रहे कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा लेकिन खाने वाले 2013 हुड्डा सरकार के दौरान लाखों में खाते थे। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद करोड़ों में खाने लगे। इस बार भाजपा पूर्ण बहुमत से दूर रही इसके यही सब कारण है। बल्लबगढ़ के मामले की जानकारी जल्द आपको देंगे।
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