फरीदाबाद: उद्योगनगरी भ्रष्ट नगरी में तब्दील को चुकी है। तमाम विभागों में भ्रष्टाचार पिछले पांच वर्षों में लगभग तीन गुना बढ़ गया है। कोई भ्रष्ट गरीबों के पेट पर लात मार उनका राशन डकार रहा है तो कोई अरावली के पहाड़ों का सौदा कर रहा है। हमने लगभग डेढ़ साल अरावली का लगातार दौरा किया तो चौंकाने वाली बातें सबूत सहित देखने को मिलीं, कई आईएएस अधिकारियों के फ़ार्म हाउस दिखे तो कई नेताओं और कई विभागों के छोटे अधिकारीयों के भी अरावली पर कई-कई एकड़ के फ़ार्म हाउस दिखे।
हमने लिखित में जानकारी मिली कि एक विभाग में अधिकारी ने फटाफट 20 लाख रूपये बना लिए क्यू कि कुछ गलत काम करने वाले उसके चंगुल में फंस गए थे। शहर में बहुत कुछ गड़बड़ चल रहा है और यही वजह है कि फरीदाबाद लगातार गुरुग्राम से पिछड़ता जा रहा है। इस जिले में किसी भ्रष्ट के खिलाफ अगर कोई शिकायत करने जाता है तो शिकायत लेने के लिए सम्बंधित अधिकारी कई-कई घंटे लगा देते हैं। कभी यहाँ जाओ तो कभी वहां जाओ की बात कर शिकायतकर्ता को भी प्रताड़ित किया जाता है जिसे देख लगता है कि शिकायत लेने वाला भी शायद शहर का भ्रष्ट अधिकारी है इसलिए वो अपने भ्रष्ट साथियों को बचाने के लिए शिकायत पत्र स्वीकार नहीं कर रहा है।
दाल में नमक तो पूरे देश के लोग खा रहे हैं लेकिन फरीदाबाद के कई विभागों के अधिकारी कई वर्षों से नमक में दाल खा रहे हैं और ये भी नहीं सोंच रहें हैं कि ज्यादा नमक खाने से दिल जल्द काम करना बंद कर देता है। इनका मुख्य मकसद है लूट सको तो लूट लो फरीदाबाद जितना लूट सकते हो। कोई पूंछने वाला नहीं है। न कोई इनकी लूट पर लगाम लगा पा रहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के उस ख्वाब पर लुटेरे और भ्रष्ट अधिकारी पानी फेर रहे हैं जिसमे कृष्णपाल गुर्जर ने फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने का ख्वाब देखा था और उन्होंने फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने का हर प्रयास किया और काफी पैसा भी शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए मिला लेकिन न जाने वो पैसा कहाँ गायब हो गया। नीलम और बाटा फ्लाईओवर के आस पास सड़क के किनारे कुछ दीवारों पर पेंट करने से फरीदाबाद स्मार्ट सिटी नहीं बन गया। अरबों आये हैं, कहाँ गया पैसा, निगम के एक अधिकारी भास्कर पर अब बड़े सवाल उतने लगे हैं।
केपी गुर्जर पूरे देश के मंत्री हैं इसलिए उन्हें पूरे देश में आना जाना पड़ता है लेकिन हरियाणा अब तक उनसे अनुरोध करता है कि वो फरीदाबाद के अधिकारीयों पर ध्यान रखें। अपने पास कई विभागों के अधिकारीयों के काले कारनामों की रिपोर्ट आ रही है लेकिन बिना पुख्ता सबूत के हम किसी भी अधिकारी का नाम नहीं लिख रहे हैं। पुख्ता जानकारी भी जल्द मिल सकती है लेकिन आपको पता होगा कि बिना आग लगे धुंआ नहीं उठता इसलिए आग तो कहीं न कहीं लगी है। हुडा, नगर निगम, 20 लाख लेने वाले विभाग, सहित शहर के अन्य विभाग के अधिकारी अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। ये सब केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के सपनों पर पानी फेरने पर लगे हैं। हरियाणा मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद तमाम भ्रष्ट अधिकारीयों के नामों का खुलासा हरियाणा अब तक करेगा।
समय है दाल में नमक खाएं, नमक में दाल नहीं, फरीदाबाद की लगभग तीस लाख जनता के बारे में सोंचेंगे। अब जनता किसी न किसी रूप में टैक्स दे रही है जिस वजह से अधिकारीयों को लाखों की पगार और तमाम सुख सुविधायें मिल रही हैं लेकिन वो दाल में नमक नहीं नमक में दाल खा रहे हैं। अच्छी बात नहीं है।
नोट: कई विभागों के भ्रष्ट अधिकारीयों के खिलाफ तमाम सबूत भी हाथ लग चुके हैं। समय का इन्तजार करें
Post A Comment:
0 comments: