नई दिल्ली: छोटी उम्र में बड़ी बीमारियां लगभग ढाई दशक पहले नहीं थीं और उस समय अधिकतर शहरों में एक भी फाइव स्टार हॉस्पिटल नहीं था लेकिन अब देश के लगभग हर बड़े शहर में एक दो नहीं दर्जनों फाइव स्टार हॉस्पिटल हैं और इन अस्प्तालों में हमेशा मरीजों का मेला लगा रहता है। छोटे-छोटे बच्चों के गुर्दे-फेफड़े खराब होने लगे हैं। बहुत कम उम्र के लोगों का दिल का दौरा कब पड़ जाए कोई पता नहीं है। इंसान की औसत उम्र बहुत कम होती चली जा रही है। खानपान में आधुनिकता और खाद्य पदार्थों में मिलावट इसका प्रमुख कारण है। देश में मिलावटखोरों ने आतंक मचा रखा है। दूध, दही, घी, हरी सब्जियां, फल सहित मसालों में भी महा मिलावट हो रही है। पिसे हुए मसालों पर तो कभी भरोषा नहीं नहीं करना चाहिए। बहुत गंदी-गंदी चीजें मिलाई जा रहीं हैं।
भोजन बनाने में हर कोई जीरा का इस्तेमाल जरूर करता है। जीरे में कई तरह के गुण छुपे हुए हैं जिनसे आपकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं लेकिन मिलावटखोरों ने इसे भी नहीं छोड़ा। दिल्ली पुलिस ने एक फैक्ट्री में भारी मात्रा में नकली जीरा पकड़ा है। बवाना पुलिस ने जो नकली जीरा पकड़ा है उसे जान आप हैरान रह जाएंगे।
नकली जीरा जंगली घास (जिससे फूल झाड़ू बनती है), गुड़ का शीरा और स्टोन पाउडर से बनाया जा रहा था। नकली जीरा दिल्ली ही नहीं बल्कि गुजरात, राजस्थान, यूपी व अन्य शहरों में बड़ी मात्रा में सप्लाई किया जाता था। बवाना पुलिस ने फैक्ट्री चला रहे पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान यूपी के जलालाबाद निवासी हरिनंदन, कामरान उर्फ कम्मू, गंगा प्रसाद, हरीश और पवन के रूप में हुई है। पुलिस ने फैक्ट्री से 19,400 किलो नकली जीरा, 5250 किलो स्टोन पाउडर, 1600 किलो फूल झाड़ू (जंगली घास) और 1225 किलो गुड़ का शीरा बरामद किया है। नकली जीरे को असली जीरे में 80:20 के अनुपात में मिलाकर लाखों रुपये में बेच दिया करते थे। नकली जीरे का पूरा नेटवर्क यूपी के जिला शाहजहांपुर के जलालाबाद से जुड़ा था। ये लोग देश के हर हिस्से में नकली जीरा सप्लाई कर मोटा मुनाफ़ा कमाते थे और लोगों की जान से भी खिलवाड़ करते थे।
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