नई दिल्ली: दिल्ली से शुरू हुआ बवाल अब देश के कई राज्यों में पहुँच गया है। सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों का दर्द देखा जा रहा है जिनका कहना है कि हमारे हाथ बंधे हुए हैं वरना हम नानी याद दिला देते ,कई आईपीएस अधिकारी अब एक तरह से मैदान में उतर आये हैं। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले IPS अरुणाचल प्रदेश के DIGP मधुर वर्मा ने साकेत के बाहर की घटना का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि हमें माफ करें, हम पुलिस हैं, हमारा कोई परिवार नहीं है, हमारे लिए कोई मानवाधिकार नहीं हैं.
I am sorry.. we are police ... we don’t exist.. we don’t have families...we don’t have human rights !!! https://t.co/ZqR7dEUFgy— Madhur Verma (@IPSMadhurVerma) November 4, 2019
IPS असलम खान ने एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए ‘हम पुलिसवालों के साथ हैं’ हैशटेग को ट्वीट किया. जो ट्वीट रिट्वीट किया गया उसमें लिखा गया कि हमारे भी ह्यूमन राइट्स हैं, हमें भी सुनना चाहिए. जबतक आरोप साबित ना हो तबतब बेगुनाह का नियम हर किसी पर लागू होना चाहिए.
— Aslam Khan (@aslam_IPS) November 4, 2019
फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्एप पर कई पुलिस अधिकारीयों के मैसेज वाइरल हो रहे हैं तो अब कई ऐसी आडियो भी वाइरल हो रही है जिसमे पुलिसकर्मी काफी गुस्से में दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मी इस तरह से अपनी पीड़ा के साथ अपना क्रोध जता रहे हैं।
पुलिस में भर्ती होना ही तो बस जुर्म हो गया उदयभान से,
वर्ना हम भी तो पहले इन्सान होते थे कसम ईमान से!
ना कायर हैं ना कमजोर हैं, बस बंधे है कानून से,
वर्ना क्या मजाल उन वकीलों की जो चूं भी कर जाए जबान से!
कमान से निकला तीर और जबान से निकला शब्द कभी लौटकर वापस नहीं आता अपने स्थान पे,
तो क्यों खेलते है कुछ लोग पुलिसवालों के मान - सम्मान से!
हम तो पुलिस हैं और पुलिस में तो विरोध भी नहीं कर सकते जबान से,
अगर ना होती पाबंदिया तो नानी याद दिला देते तीस हजारी के मैदान में!
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