Faridabad : एक बाग की खूबसूरती जैसे फूलों से होती है वैसे ही इस दुनिया की खूबसूरती बच्चों से है यह खूबसूरती तभी बरकरार रह सकती है जब बच्चों को उनका बचपन और अधिकार सहज रूप से मिल सके आज जब देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जा रहा है आजादी के 72 वर्ष बाद भी देश के हर बच्चे को संविधान प्रदत्त अधिकार नहीं मिल पाए हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि दुनिया भर में सैकड़ों ऐसे लोग हैं |
जो बच्चों को उनका अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और अपने देश में भी ऐसे बहुत लोग हैं उनमें से एक हैं फरीदाबाद निवासी पूनम सिनसिनवार 2003 में स्त्री शक्ति पहल समिति संस्था के गठन के साथ ही पूनम सिनसिनवार के मन में झुग्गी झोपड़ियों के शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा जागृत हुई और उन्होंने अपने इस नेक कार्य को शुरू करने के लिए फरीदाबाद के स्लम बस्तियों को चुना और उसके बाद बच्चों के लिए झुग्गी झोपड़ियों में बालवाड़ी केंद्र अनौपचारिक शिक्षा केंद्र की शुरुआत की और आज तक करीबन 5000 से अधिक बच्चों को शिक्षा के साथ जोड़ने का कारनामा कर दिखाया पूनम सिनसिनवार के इस कार्य को देखते हुए |
कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज के द्वारा आदर्श स्त्री पुरस्कार 2005 में माननीय वित्त मंत्री भारत सरकार श्री पी चिदंबरम के कर कमलों द्वारा प्रदान किया गया इसके साथ-साथ पूनम सिनसिनवार ने बहनों के लिए सिलाई केंद्र ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण केंद्र कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र बच्चों को पढ़ाई के तनाव को कम करने के लिए डांस कक्षाएं लगवाई और अब तक तकरीबन 2000 बहनों को रोजगार के साथ जोड़ने का काम पूनम जी की संस्था और पूनम सिनसिनवार जी के प्रयासों से हो पाया है |
पिछले वर्ष पूनम को फरीदाबाद प्रशासन की तरफ से भी स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किया गया पूनम सिनसिनवार जी से प्रेरणा लेकरसमाज के अन्य वर्गों को भी बच्चों के अधिकार उनकी शिक्षा उनकी परवरिश के प्रति परवाह करनी पड़ेगी तब जाकर देश का विकास होगा और देश उन्नति की राह पर और तेजी से आगे बढ़ेगा।
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