नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्य सभा सांसद बीरेंद्र सिंह का स्तीफा मंजूर कर लिया गया है। उन्होंने कल दुबारा उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू को अपना स्तीफा सौंपा था इसके पहले लोकसभा चुनावों के दौरान भी उन्होंने स्तीफा दिया था और अपने बेटे बिजेंद्र सिंह को लोकसभा की टिकट दिलवाई थी और वो सांसद भी हैं। विधानसभा चुनावों में उनकी पत्नी प्रेमलता फिर मैदान में थीं लेकिन इस बार वो दुष्यंत चौटाला से चुनाव हार गईं।
चुनावों के बाद जीते और हारे नेता अपने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद कर रहे हैं और इसी कड़ी में रविवार देर शाम राजीव गांधी महाविद्यालय उचाना में बीरेंद्र सिंह और प्रेमलता ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए एक कार्यक्रम रखा था जहां मंच पर प्रेमलता काफी भावुक हो गईं और यहाँ तक कि कि वो इतनी भावुक हो गईं कि मंच पर बोलने के लिए खड़ी होते ही तुरंत बैठ गईं। भावुकता के कारण कुछ नहीं बोल सकीं। बीरेंद्र सिंह के कार्यकर्ताओं से कहा कि आप मेरे कार्यकर्त्ता नहीं मेरे साथी हैं और प्रदेश में भाजपा की सरकार है और यहाँ के विकास कार्य पहले की तरह ही जारी रहेंगे।
बाद में कार्यकर्ताओं ने पूर्व विधायक प्रेमलता को उनकी हार के कई कारण बताये जिसमे जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान सीएम मनोहर लाल का गर्दन काट लेने वाला बयान और इस यात्रा के बाद हुई गुटबाजी को प्रमुख कारण बताया गया।
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