चंडीगढ़: हरियाणा भाजपा के लिए एक बुरी खबर है। सूत्रों द्वारा जानकारी मिल रही है कि विधानसभा चुनावों में हारे सभी धुरंधर एक हो रहे हैं और सभी सीएम से नाखुश हैं। सूत्रों का कहना है कि चुनावी नतीजों के बाद करीब एक दर्जन हारे हुए नेताओं की ‘गुप्त’ बैठक भी हो चुकी है। अधिकांश नेताओं में आज भी सरकार की कार्यशैली को लेकर नाराजगी है। बताते हैं कि पार्टी नेतृत्व के सामने भी हारे हुए नेताओं की नाराजगी और ‘बागी’ सुर पहुंचने शुरू हो गये हैं। भाजपा हाईकमान तक भी ये बात पहुँच गई है और हाईकमान अब इन नेताओं को किसी तरह मनाने में जुट गया है।
आपको बता दें कि खट्टर कैबिनेट के 10 में से 8 मंत्री चुनाव हार गये। इनके अलावा कई सिटिंग विधायक भी चुनाव हारे हैं। एक दर्जन के करीब सिटिंग विधायकों के टिकट भी काटे गये। दो बड़े मंत्रियों को भी टिकट नहीं मिली। चुनाव परिणाम के बाद ये सभी नेता एकजुट होना शुरू हो गए। इनकी गुप्त बैठक में क्या बात हुई है अभी लीक नहीं हुई है। सूत्रों की मानें तो कई नेताओं ने तो चुनाव हरवाने के लिए राजनीतिक षड्यंत्र रचने के भी आरोप जड़ दिये हैं। ऐसे में यह विवाद अभी ठंडा पड़ता नहीं दिख रहा। भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला भी चुनाव नहीं जीत सके। उनके खिलाफ भी लाबिंग शुरू हो गई है। अब हाईकमान ही हरियाणा भाजपा को बचा सकता है। आज चंडीगढ़ में सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट के पूर्व साथियों की अनौपचारिक बैठक पर है। बताते हैं कि सीएम ने सभी पूर्व विधायकों व पार्टी उम्मीदवारों को भी अपनी कोठी पर लंच के लिए आमंत्रित किया है। बोर्ड-निगमों के चेयरमैन भी सीएम आवास पर बुलाये जाने की सूचना है। इन नेताओं से बातचीत के जरिये चुनावी नतीजों पर चर्चा भी होगी और हार के कारणों को लेकर फीडबैक भी लिया जाएगा।
आपको बता दें कि शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, कृषि मंत्री ओपी धनकड़, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, शहरी निकाय मंत्री कविता जैन सहित कई मंत्री चुनाव हार गए और उद्योगमंत्री विपुल गोयल और खट्टर सरकार में नंबर दो की भूमिका में माने जा रहे राव नरबीर सिंह को टिकट तक नहीं मिली थी। प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को टिकट तो मिली लेकिन जीत नहीं मिली थी।
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