नई दिल्ली: ज्यादा पाने की लालच में इंसान कभी कभी वो भी खो देता है जो उसके पास होता है। यही हाल महाराष्ट्र में शिव सेना का हुआ है। डायरेक्ट मुख्य्मंत्री पद की लालच में ठाकरे परिवार सब कुछ गँवा बैठा। फजीहत अलग से हो रही है। डिप्टी सीएम का कद मंजूर नहीं था इसलिए भाजपा से नाता तोड़ लिया। अपनी पार्टी के नेता को केंद्र में मंत्रीपद से भी स्तीफा दिलवा दिया। अब हाँथ में झुनझने केसिवाए कुछ नहीं रह गया है।
कांग्रेस महाराष्ट्र में न खुद सरकार बनाने आगे आ रही, न किसी और की ही सरकार बनने दे रही सपोर्ट दे के, और न राष्ट्रपति शासन ही लगने दे रही (सुना कपिल सिब्बल राष्ट्रपति शासन के विरुद्ध शिवसेना की तरफ से सुप्रीमकोर्ट... https://t.co/JjbPdpvR6w— 𝕾𝖍𝖆𝖗𝖆𝖉 𝖀𝖕𝖆𝖉𝖍𝖞𝖆𝖞 (@webmarines) November 12, 2019
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एनसीपी को आज तक का समय दिया था लेकिन एनसीपी और वक्त मांग रही थी जिसे देख राज्यपाल को लगा कि इनके पास भी बहुमत नहीं है इसलिए उन्होंने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी। अब राज्यपाल की सिफारिश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकृति दे दी है।
शिवसेना भंडारे में प्रसाद ग्रहण करने गया,प्रसाद भी खत्म और जब बाहर निकला तो चप्पल भी चोरी हो गयी, महाराष्ट्र,राष्ट्रपति शासन लागू।— Rajesh Singh🚩 (@SinghRajeshbjp) November 12, 2019
कहा जाता है कि बाला साहब के समय में महाराष्ट्र के किसी सीएम से बड़ा कद उनका होता था लेकिन उद्धव ठाकरे कभी कांग्रेस से तो कभी एनसीपी से सरकार बनाने के लिए जोड़ते रहे जिससे उनकी जमकर फजीहत हो। कहा ये भी जा रहा है कि कांग्रेस ने जानबूझ कर मामला अटकाए रखा और ठाकरे को इसका आभाष नहीं हुआ। कांग्रेस कल से ही बैठक कर रही थी और साथ देना होता तो दो मिनट का वक्त लगता है। आज उस समय कई कांग्रेसी नेता मुंबई पहुंचे जब राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाने की चिट्ठी दिल्ली भेज दिया था और पीएम ब्राजील जाने के पहले अचानक केंद्रीय केबिनेट बैठक बुला उस चिट्ठी पर मुहर लगा राष्ट्रपति के पास भिजवा ब्राजील चले गए। राष्ट्रपति शासन लगने के बाद सोशल मीडिया पर शिवसेना की फिर फजीहत शुरू हो गई है। पढ़े कुछ ट्वीट
महाराष्ट्र में 1980 के बाद पहली बार राष्ट्रपति शासनअब 2.5 साल क्या 1 दिन के लिए भी न बनोगे तुम मुख्यमंत्री...आज सत्ता के लिए शिवसेना ने हर दांव पेंच इस्तेमाल कर लिया , अपनी विचारधारा के विपरीत विचारधारा के लोगो को गले भी लगा लिया..लेकिन मिला क्या घण्टा😂#PresidentRule
— आलोक तिवारी (@AlokTiwari9335) November 12, 2019
कहा था ना, मैं अन्त मे खेलूँगा😎😎इतना सन्नाटा क्यो हैं भाई 😍😍महाराष्ट्र राष्ट्रपति शासन pic.twitter.com/uIfUflaqhX
— Adv Ravi Mishra Shastri एड . रवि मिश्र शास्त्री (@ravi4nation) November 12, 2019
जिस कांग्रेस की सोनिया गांधी ने कर्नाटक में चुनाव के नतीजों का आभास होते ही 25 सीट वाले कुमार स्वामी को मुख्यमंत्री पद देते हुए समर्थन की घोषणा कर दी थी वो आज महाराष्ट्र में 20 दिनों तक भी समर्थन का शपथ पत्र नहीं दे पाई।अब राष्ट्रपति शासन लग गया है तो मिर्ची लग रही है।😆😄😃😃
— हमे चाहिए युनीफार्म सिविल कोड(अजय बंसल) (@AjayBan88215995) November 12, 2019
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