फरीदाबाद: हरियाणा अब तक को सूत्रों से ख़ास जानकारी मिली है कि एनआईटी में नीरज शर्मा की जीत के जश्न के दौरान खुशी से किसी खास समर्थक के दिल का दौरा पड़ा है और उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया है। नीरज शर्मा की जीत के बाद पूरा एनआईटी जश्न मना रहा है। झारखण्ड के पूर्व सीएम के ओएसडी रह चुके नीरज शर्मा स्वर्गीय शिव चरण लाल शर्मा के पुत्र हैं और उनके पिता प्रदेश के मंत्री थे। आज एक और अजीब संयोग देखा जा रहा है। नागेंद्र भड़ाना ने 2014 में नीरज शर्मा के पिता को लगभग 29 00 वोटों से हराया था लेकिन आज नीरज शर्मा ने भड़ाना को लगभग 32 सौ वोटों से हराया है। आज भाजपा के भड़ाना को 58455 वोट मिलीं जबकि कांग्रेस के नीरज शर्मा को 61697 वोटें मिलीं।
नीरज शर्मा फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के इकलौते ऐसे कांग्रेसी नेता हैं जिन्हे जीत मिली। उनकी जीत का प्रमुख कारण ये है कि उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान एनआईटी का मुद्दा उठाया, कांग्रेस के किसी बड़े नेता का नाम तक ही नहीं लिया न क्षेत्र में किसी को प्रचार के लिए बुलाया और यहाँ तक कि उन्होंने भाजपा नेताओं को भी नहीं घेरा। एनआईटी उनका मुख्य फोकस था। जबकि कांग्रेस के ललित नागर तिगांव और लखन सिंगला फरीदाबाद की नाव उनके बयानों ने डुबोई। बची खुची कसर इन दोनों नेताओं के प्रेस नोट बनाने वालों ने पूरी की और प्रेस नोट जारी करने वाले कहते रहे कि न तिगांव का विकास हुआ है न फरीदाबाद का, मात खा गए। तिगांव में पांच वर्षों में ऐतिहासिक विकास हुआ है और फरीदाबाद में भी ऐसा ही है। विपुल गोयल ने क्षेत्र का काफी विकास करवाया था जिसका फायदा नरेंद्र गुप्ता को मिला।
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