नई दिल्ली: देश के कुछ तथाकथित लोग उस समय विधवाओं जैसे विलाप करते हैं जब सेना के जवान जम्मू-कश्मीर के किसी पत्थरबाज को दो चार डंडे मार देते हैं। ऐसे लोग एकतरफा चलते हैं और इनका ही आजादी गैंग है जो दिल्ली से लेकर देश के बड़े मीडिया संस्थानों में भी पाए जाते हैं। कल जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों ने 6 प्रवासी मजदूरों की घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी जिसके बाद से अब तक आजादी गैंग खामोश है। शायद ये आतंकियों को अपना अब्बा समझते है। इन्हे उन मजदूरों के परिजनों का दर्द नहीं दिख रहा है। इन पर तरह तरह के सवाल उठ रहे हैं।
कल 6 मुस्लिम मजदूरों की हत्या हुई, जम्मू-कश्मीर में,किसी शांतिदूत, बुद्धि जीवी, और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के बोल नहीं फूट रहे । तुस्टीकरण में पारंगत पार्टियों दुविधाओं में है । वाह री भारतीय राजनीति ।— Brajesh (@Brajesh20857358) October 30, 2019
सोशल मीडिया पर अब ऐसे लोगों पर सवाल उठाये जा रहे हैं। कवि कुमार विश्वाश ने लिखा है कि कश्मीर में संचार बहाली पर दिन रात बेहाल रहे मेरे कुछ दोस्त जब आतंकियों द्वारा लाइन में खड़ा करके भूने गए राजस्थान-झारखंड-बिहार के बेक़सूर ड्राईवरों-कामगारों की नृशंस हत्या पर चुप्पी साध जाते हैं तब शक पुख़्ता होने लगता है कि हर ओर के रुदालियों का विलाप सुविधाजनक और प्रायोजित है
कश्मीर में संचार बहाली पर दिन रात बेहाल रहे मेरे कुछ दोस्त जब आतंकियों द्वारा लाइन में खड़ा करके भूने गए राजस्थान-झारखंड-बिहार के बेक़सूर ड्राईवरों-कामगारों की नृशंस हत्या पर चुप्पी साध जाते हैं तब शक पुख़्ता होने लगता है कि हर ओर के रुदालियों का विलाप सुविधाजनक और प्रायोजित है😳— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) October 30, 2019
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