चंडीगढ़: हरियाणा विधासभा चुनावों के मतदान के पहले हमने कई जाट बाहुल्य क्षेत्रों का दौरा किया था और अपने पाठकों को बताया था कि प्रदेश के अधिकतर जाट मतदाता केन्द्र की मोदी सरकार से तो खुश हैं लेकिन हरियाणा की मनोहर लाल सरकार से नाराज हैं और उस समय हरियाणा अब तक ने बताया था कि जाट मतदाता भाजपा के खिलाफ जा सकते हैं और लगभग वही हुआ। जाटों का वोट कांग्रेस और जजपा को मिला और दोनों पार्टियों को उम्मीद से ज्यादा सफलता मिली लेकिन जब दुबारा फिर प्रदेश में खट्टर सरकार बन गई तो जाट हैरान हैं और किसी और को नहीं दुष्यंत चौटाला को घेर रहे हैं।
Meanwhile my Jat friends reaction over #DushyantChautala decisionअपनी कब्र खुद खोदना pic.twitter.com/CvH2igOTsR— Yash Gupta (@yashgupta1202) October 25, 2019
अखिल भारतीय जाट महासभा का कहना है कि जो भी उम्मीदवार भाजपा के प्रत्याशियों को हरा सकता था हमने उसे वोट दिया था। नतीजे भी सामने आये और सत्तापक्ष के तमाम दिग्गज धराशाई हो गए। अब जजपा जाट समाज के भावनाओं से खेल रही है और अपने फायदे के लिए जजपा ने प्रदेश में भाजपा की सरकार बनवा दी।
हरियाणा में जिन जाटों के ईमान और ज़मीर को खट्टर,शाह और मोदी ने मिलकर अम्बानी-अडानी के पैसों से खरीद नहीं पाये थेउन मासूम जाट भाइयों और कार्यकर्ताओं को @Dchautala(दुष्यंत चौटाला)ने अपना निजी संपत्ति समझकर अपने स्वार्थ के लिए थोक के भाव में बेच दियाBJPसेदेश का चौकिदार मोदी चोर है pic.twitter.com/eprkNSAIXM
— Daya Shankar Sharma (@DayaSha76532288) October 28, 2019
अखिल भारतीय जाट महासभा का कहना है कि अगर फरवरी 2020 तक जाट समय के युवाओं की रिहाई नहीं हुई और उन पर लादे गए मुक़दमे वापस नहीं लिए गए तो समाज के लोग बड़ा आंदोलन करेंगे। समाज के लोगों का कहना है कि दुष्यंत चौटाला ने हमारे भावनाओं से खिलवाड़ की है। आने वाले समय में उन्हें हम बड़ा सबक सिखाएंगे। सोशल मीडिया पर जाट समुदाय के लोगों का क्रोध देखा जा सकता है।
#दुष्यंत_चौटाला ने अपने कौम के साथ सत्ता के लिए गद्दारी की है। जाट समुदाय उसे निश्चित ही सबक सिखायेगी।उसकी पार्टी का आगे बहुत बुरा हस्र होगा।— SatyaN Singh (@Satyaa08) October 26, 2019
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