चंडीगढ़, 14 अक्तूबर- हरियाणा के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. इन्द्र जीत ने कहा कि हरियाणा विधानसभा आम चुनाव-2019 की 90 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र में और पूरे चुनावी प्रचार अभियान के दौरान 3 बार अपने आपराधिक रिकॉर्ड, यदि कोई है तो, उसकी पूरी जानकारी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से देना अनिवार्य है।
डॉ. इन्द्र जीत ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुार उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र भरते समय अपने आपराधिक रिकॉर्ड, यदि कोई है, जैसे किसी मामले में उम्मीदवार दोषी ठहराया गया हो या कोई लंबित मामला हो, ऐसे सभी आपराधिक मामलों की जानकारी देना अनिवार्य है। इसके साथ ही, नामांकन वापिस लेने के आखिरी दिन से लेकर मतदान की तारीख से 2 दिन पहले तक पूरे चुनावी प्रचार अभियान के दौरान उम्मीदवार द्वारा 3 बार अलग-अलग तिथियों पर उनके स्थानीय क्षेत्र में जिस समाचार पत्र की सर्कुलेशन अधिक हो, उसमें अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी निर्वाचन आयोग द्वारा बताए गए फॉर्मेट सी-1 में देना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि समाचार पत्र में यह जानकारी देने के लिए आयोग द्वारा निदिृष्ट फॉन्ट साइज 12 होना चाहिए और यह जानकारी समाचार पत्र में इस तरह से प्रदर्शित की जानी चाहिए जो पाठकों द्वारा आसानी से पठनीय हो।
उन्होंने बताया कि उम्मीदवार द्वारा यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी दी जानी अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि टीवी चैनलों पर यह जानकारी नामांकन वापिस लेने के आखिरी दिन से मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घण्टों की अवधि तक 3 अलग-अलग तिथियों पर दी जानी चाहिए।
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मान्यता प्राप्त, पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा किसी व्यक्ति, जिस पर किसी भी प्रकार के आपराधिक मामले दर्ज हैं, ऐसे व्यक्ति को चुनावों के लिए उम्मीदवार बनाया जाता है, तो उस स्थिति में उन राजनीतिक दलों को समाचार पत्रों और टीवी चैनलों के अलावा अपनी पार्टी की वेबसाइट पर भी उम्मीदवार के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी देना अनिवार्य है।
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