चंडीगढ़/ फरीदाबाद: दीवाली के बाद गोबर्धन पूजा और उसके बाद आज भाई दूज का त्यौहार मनाया जा रहा है। त्यौहार पर आपस में खुशियों का वितरण होता है इसलिए ये खबर खुशियों के वितरण से जुडी है। सबको खुश करने का प्रयास है। हाल में हरियाणा विधानसभा चुनावों के परिणाम आये। कई नेता जीत गए तो कई हार गए। दुष्यंत से गाड़ी की चाभी लेकर मनोहर लाल फिर करनाल से चंडीगढ़ पहुँच गए। दुष्यंत को भी बगल वाली सीट पर बिठा लिया। अब चर्चाएं हैं कि उस गाड़ी के पीछे वाली सीट पर कौन बैठेगा यानी कौन बनेगा मंत्री। लाबिंग चल रही है। कई नेताओं के समर्थकों ने चंडीगढ़ में डेरा डाल दिया है ताकि उनके नेता अगर मंत्री बनें तो वो ढोल बजाते हुए चंडीगढ़ से वापसी करें लेकिन सूत्रों द्वारा पता चला है कि विपक्षी नेताओं के समर्थक भी नगाड़ा लेकर तैयार बैठे हैं और जिस विधानसभा क्षेत्र का नेता मंत्री बनेगा उस विधानसभा क्षेत्र के विपक्षी नेता भी उस दिन समर्थकों सहित नगाड़ा बजायेंगे।
इसका प्रमुख कारण ये बताया जा रहा है कि हरियाणा में जो भी नेता मंत्री बनता है अगली बार उनके से 10 फीसदी ही विधायक बनते हैं 90 फीसदी मंत्री दुबारा विधायक भी नहीं बन पाते हैं। बुरी तरह से चुनाव हार जाते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। कई केबिनेट मंत्री दुबारा चुनाव मैदान में उतरे लेकिन हार गए और कई बुरी तरह से नादान खिलाडियों से मात खा बैठे। हरियाणा के 53 साल के इतिहास में ऐसा होता आया है। फरीदाबाद की बात करें तो पिछली बार केबिनेट मंत्री रहे विपुल गोयल को टिकट तक नहीं मिल सकी तो 2014 में केबिनेट मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह सीमा त्रिखा से हार गए। राज्य में ही मंत्री रहे शिव चरण लाल शर्मा नगेंद्र भड़ाना से हार गए थे। उस समय मुख्य संसदीय सचिव रहीं शारदा राठौर का पत्ता ऐसे गायब हुआ कि इस बार भी वो चुनाव नहीं लड़ सकीं। उसके पहले केबिनेट मंत्री रहे ऐसी चौधरी शिव चरण लाल शर्मा से हार गए थे।
अब कहा जा रहा है कि अच्छा हुआ जो सीमा त्रिखा का मुख्य संसदीय सचिव वाला पद बीच में ही चला गया था वरना इस बार गड़बड़ हो सकता था। अब कहा जा रहा है कि सीमा त्रिखा खट्टर सरकार में मंत्री बन सकती हैं अगर ऐसा हुआ तो विजय प्रताप सिंह और धर्मबीर भड़ाना भी खुशी मना सकते हैं क्यू कि वो ये समझेंगे कि अगली बार उनकी राह आसान हो जाएगी।
बल्लबगढ़ में मूलचंद शर्मा के समर्थकों को आशा है कि शर्मा मंत्री बनेंगे। अगर ऐसा हुआ तो वहां आनंद कौशिक और दीपक चौधरी भी खुश होंगे। अफवाहें हैं कि फरीदबाद वाले गुप्ता जी भी मंत्री बन सकते हैं ऐसे में लखन सिंगला के घर नगाड़े फिर बज सकते हैं और कहा जा रहा है कि पृथला के आजाद विधायक नयनपाल रावत भी लाइन में हैं और रावत मंत्री बने तो वहां भी विपक्ष के नेता खुश हो सकते हैं।
तिगांव से राजेश नागर भी मंत्री बनने का जुआड़ लगा रहे हैं। उनकी किस्मत चमकी को ललित नागर के समर्थक भी खुश होंगे। कुल मिलाकर ये कहें कि मंत्री बनने के बाद खुशियां ही खुशियां देखी जाएंगी और त्योहारों में मौसम में हर कोई जैसे खुशी मना रहा है वैसे ही खुशी मनाएगा।
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