चंडीगढ़: हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए कुछ देर में 8 बजे मतगणना का काम शुरू होने जा रहा है। मतगणना स्थलों पर भारी सुरक्षा व्यवस्था है। कल दिन भर सट्टा बाजार के लोग हलचल मचाते रहे लेकिन आज सच सामने आ जायेगा। 10 बजे तक रुझान आने शुरू हो जाएंगे। कुल 1169 उम्मीदवार मैदान में हैं। कांग्रेस व भाजपा के अलावा जननायक जनता पार्टी सभी 90 सीटों पर, इनेलो 81 पर चुनावी रण में है।
सबसे अधिक 25 उम्मीदवार हांसी व सबसे कम अंबाला कैंट और शाहाबाद (6-6) में चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा ने 87, सीपीआई ने 4, सीपीआई (एम) ने 7 के अलावा विभिन्न दलों ने 434 उम्मीदवार उतारे हैं। इस बार के चुनावों में 375 नेताओं ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर फार्म भरा हुआ है। इनमें कांग्रेस व भाजपा के बागी उम्मीदवार भी शामिल हैं।
बहुमत के लिए चाहिए 46 का आंकड़ा: विधानसभा में किसी भी पार्टी को बहुमत के लिए 46 विधायकों की जरूरत है। 2014 के विस चुनावों में भाजपा पहली बार 47 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई थी। 19 सीटों वाली इनेलो मुख्य विपक्षी दल थी जबकि कांग्रेस 15 सीटों पर सिमट गई थी। हजकां 2 ही सीटें जीत पाई थी।
भाजपा ने मिशन-75 प्लस का नारा दिया है और वह मान रही है कि मिशन पूरा होगा। कांग्रेस भी बहुमत का दावा कर रही है। इनेलो से टूटी जजपा को भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। टूट के बाद इनेलो का फोकस 2-3 हलकों से आगे नहीं बढ़ा है। राजकुमार सैनी की लोसुपा का गोहाना और नारायणगढ़ पर ही मुख्य फोकस रहा। पूर्व मंत्री गोपाल कांडा अपनी हरियाणा लोकहित पार्टी के बैनर तले सिरसा से लड़ रहे हैं। आप 47 सीटों पर लड़ रही है। बसपा और आप सहित लोसपा मिलकर शायद ही पांच सीटें जीत सकें ऐसे अनुमान लगाए जा रहे हैं। राजकुमार सैनी की लोसपा प्रदेश में शायद ही कोई गुल खिला सके। प्रदेश के लोगों की नजर भाजपा, कांग्रेस और जजपा पर हैं। कुछ आजाद उम्मीदवार भी मैदान मार सकते है।
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