चंडीगढ़: सोशल मीडिया पर 2019 लोकसभा चुनावों के दौरान मोदी-मोदी करने वाले हरियाणा के लोग अब मनोहर सरकार को भाव देते नहीं दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर अगर किसी खबर में लिख दिया जाए कि हरियाणा भाजपा को 75 सीटें मिलेंगी तो पाठक दनादन गालियां बरसाने लगते हैं लिखते हैं कि खट्टर ने इस पत्रकार को खरीद लिया है तभी ये ऐसा लिख रहा है, जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा के लिए 75 पार का रास्ता आसान नहीं है। कुछ पाठकों का कहना है कि हरियाणा भाजपा अब पिछली वाली भाजपा नहीं रही। लगभग आधे उम्मीदवार दूसरी पार्टियों से भाजपा में आये हैं जो कभी भाजपा की फजीहत करने का कोई मौका नहीं चूकते थे।
कुछ पाठकों का कहना है कि भाजपा की टिकट मिलते ही तमाम प्रत्याशियों को घमंड नाम की बीमारी लग गई है और वो सोंच रहे हैं कि अब तो मोदी जी नाव पार लगा देंगे इसलिए वो अब ज्यादा प्रचार भी नहीं कर रहे हैं। कुछ पाठकों का कहना है कि भाजपा ने अपने जिन 35 विधायकों को मैदान में दुबारा उतारा है उनमे से कइयों से क्षेत्र की जनता नाराज है और ऐसे विधायकों को जनता शायद ही दुबारा चंडीगढ़ भेजे। लोगों का कहना है कि शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में भाजपा सरकार ने कोई बड़े कदम नहीं उठाये। सिर्फ कागजों पर बयानबाजी होती रही। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के कामकाज से लोग खुश नहीं हैं जबकि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को ट्विटर मंत्री कहा जाता है। सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल है। प्रतिक्रियाएं देने वाले लोग कहते हैं कि मैं भाजपा का समर्थक हूँ लेकिन मोदी जी का, हरियाणा सरकार के कामकाज से लोग खुश नहीं दिख रहे हैं। विपक्ष की कमजोरी का ही भाजपा को फायदा मिल सकता है। मोदी के दम पर ही भाजपा कोई चमत्कार कर सकती है। खट्टर पर भरोषा किया गया तो बहुत मुश्किल से दुबारा सरकार बनेगी।
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