फरीदाबाद: सच कड़वा होता है लेकिन सच यही है कि फरीदाबाद के कई विधानसभा क्षेत्रों के भाजपा प्रत्याशी भाजपा की टिकट मिलते ही घमंडी हो गए जिस कारण ऐसे नेताओं के विधानसभा क्षेत्रों में उनके विरोधी उन पर हावी होने लगे और मुकाबला कांटें का हो गया। पीएम आये, अमित शाह और सीएम भी आये लेकिन मुकाबला कांटे का ही रहा जिसके बाद कई प्रत्याशियों को गुर्जर सेना की मदद लेनी पड़ी और अब इन प्रत्याशियों को कृष्ण ही बचा सकते हैं। पूरे लोकसभा क्षेत्र में कई ऐसे प्रत्याशी हैं जिन्होंने प्रचार करने में लापरवाही की। कई विधानसभा क्षेत्रों में सैकड़ों करोड़ के विकास कार्य हुए हैं लेकिन भाजपा प्रत्याशी 370 की माला जपते रहे। आगरा नहर पर दर्जनों पुल बने हैं लेकिन किसी प्रत्याशी ने नाम नहीं लिया। बदरपुर बार्डर से पलवल पहले लोग कई घंटे में पहुँचते थे। जाम लगा रहता था लेकिन अब आधे घंटे में पहुँच जाते हैं। कई फ्लाईओवर इसी पांच साल में बने हैं। किसी प्रत्याशी ने नाम तक नहीं लिया। जबकि कई प्रत्याशियों के क्षेत्र में नेशनल हाइवे आता है। कई ऐसी बातें हैं जिसका फायदा भाजपा प्रत्याशी नहीं उठा पाए। बस 370 की माला जपते रहे। उन्हें लगा कि 75 सीटें तो आ ही रहीं हैं हम ज्यादा प्रचार क्यू करें।
कल शाम प्रचार अभियान ख़त्म हो गया। पूरी रात्रि जोड़ तोड़ करने के प्रयास में सभी पार्टियों के प्रत्याशी जुटे रहे और आज रात्रि भी ये अभियान जारी रहेगा। इस बार 2014 जैसी मोदी लहर नहीं दिख रही है। कांग्रेस की टूट फूट और चौटाला परिवार की कलह का ही भाजपा को फायदा मिल सकता है।
पिछले चुनाव में भाजपा जिन क्षेत्रों में हारी थी और जो नेता जीते थे उनमे से अधिकतर नेताओं को भाजपा ने अपने पाले में खड़ा कर लिया और कइयों को अपनी पार्टी का टिकट दिया और जिन्हे टिकट नहीं दिया गया उन्हें किसी पद का लालच दिया गया है जो भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। इस चुनाव में विपक्ष लोकल मुद्दे उठाता रहा जबकि भाजपा ने 370 का हथियार चलाया। लोकल मुद्दों पर कई विपक्षी नेताओं की जीत हो सकती है। फरीदाबाद की बात करें तो तिगांव में भाजपा कांग्रेस में टक्कर, एनआईटी में कोई चन्दर भाटिया और नीरज शर्मा की टक्कर बता रहा है तो कोई नीरज शर्मा और नागेंद्र भड़ाना में टक्कर बता रहा है। बल्लबगढ़ में जिस तरह निवर्तमान विधायक ने गैस सिलेंडर पर हमला किया उससे लगा कि वो अपनी टक्कर दीपक चौधरी से मानकर चल रहे हैं। पृथला में भाजपा और कांग्रेस में टक्कर जबकि बागी रावत भी रो-धो कर किसी का भी खेल खराब कर सकते हैं। बड़खल में कांग्रेस भाजपा में टक्कर तो फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र में लखन सिंगला का वजन भाजपा पर भारी पड़ सकता है। अब कृष्ण कौन सा सुदर्शन चलाते हैं और भाजपा प्रत्याशियों को जिताते हैं ये तो वही जानते होंगे। कई प्रत्याशियों को अब कृष्ण का ही सहारा है।
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