फरीदाबाद: आज 21 अक्तूबर 2019 को पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर अमर शहीदों को श्रृद्धांजलि दी गई।
ड्यूटी के दौरान अपनी जान की कुर्बानी देने वाले पुलिसकर्मियों की याद में हर साल पुलिस शहीदी स्मृृति दिवस 21 अक्तूबर को भारत के सभी राज्यों में मनाया जाता है।
डीसीपी एनआईटी अर्पित जैन ने श्रद्वासुमन अर्पित करते हुए कहा कि पुलिस शहीदो के योगदान को भूलाया नही जा सकता। वर्ष 01.09.2018 से 31.08.2019 तक सभी राज्यों के 292 पुलिस के शूरवीरो ने अपनी डयुटि के दौरान कर्तव्य पालन करते हुए देश के लिए अपने प्राणो का बलिदान दिया है।
आज पुलिस लाईन फरीदाबाद में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर शहीद पुलिसकर्मियों की याद में श्रृद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। पुलिस स्मृति दिवस पर जवानों द्वारा शहीदों की याद मे सलामी दी गई और डीसीपी एनआईटी अर्पित जैन और एसीपी क्राईम एगेंस्ट वूमैन श्रीमति धारणा यादव एवम पुलिसकर्मियों ने शहीदों को पुष्प श्रद्वासुमन अर्पित कर श्रद्वाजलि दी गई ।
जिसमंे हरियाणा पुलिस - 3 पुलिसकर्मी, दिल्ली पुलिस - 10 पुलिसकर्मी, आंध््रापदेश - 2 पुलिसकर्मी, अरुणाचल- 3 पुलिसकर्मी, बिहार - 7 पुलिसकर्मी, छतीसगढ - 14 पुलिसकर्मी, हिमाचल प्रदेश -1 पुलिसकर्मी, जम्मुुुुुुुुुुुु कश्मीर -24 पुलिसकर्मी, झारखण्ड -5 पुलिसकर्मी, कर्नाटक -12 पुलिसकर्मी, अरुणाचल प्रदेश -2 पुलिसकर्मी, महाराष्ट्रा -20 पुलिसकर्मी, मणिपुर -2 पुलिसकर्मी, उडीसा -2 पुलिसकर्मी, राजस्थान -10 पुलिसकर्मी, सिक्किम -1 पुलिसकर्मी, त्रिपुरा -1 पुलिसकर्मी, उतरप्रदेश -5 पुलिसकर्मी, उतराखण्ड -1 पुलिसकर्मी, पश्चिम बंगाल -7 पुलिसकर्मी इसके अलावा पैरामिल्र्टी फोर्सीज से असम राईफल -3 पुलिसकर्मी, बीसएसएफ -41 पुलिसकर्मी, सीआईएसएफ -6 पुलिसकर्मी, सीआरपीएफ -67 पुलिसकर्मी, आईटीबीपी -23 पुलिसकर्मी, एसएसबी के -5 पुलिसकर्मी, एनडीआरएएफ -4 पुलिसकर्मी, रेलवे पुलिस -11 पुलिसकर्मी शामिल है।
एसीपी क्राईम एगेंस्ट वूमैन धारणा यादव ने बताया कि वर्ष 1999 में फरीदाबाद क्राईम ब्रांच मे तैनात सिपाही श्री लश्कर सिंह न0 2279, श्री कशमीर सिंह के घर सफीदों जींद, 1971 मे जन्में, श्री लश्कर सिंह ने 25 दिसंबर 1999 को सूरजकूण्ड थाना एरिया में डकैत के साथ हुई एनकांउटर मे अपनी जान गंवा दी थी।
इसी तरह पूर्ण सिंह निवासी बेरी के घर 1966 में जन्में, सिपाही महावीर सिंह न0 222 फरीदाबाद वर्ष 2012 में पल्ला पुल के पास लगे नाके पर तैनात था। कंट्रोल रुम द्वारा दी गई सूचना पर नाके पर डंपर रोकने की कोशिश करते समय डंपर चालक द्वारा डंपर को उसके उपर चढाकर ले गया जिससे की वह मौके पर ही शहीद हो गया।
पुलिस प्रवक्ता सूबेसिंह ने बताया कि 60 वर्ष पहले 21 अक्तूबर 1959 मे सीआरपीएस की तीसरी बटालियन की एक कंपनी को लददाख में हाॅट स्प्रींग एरिया में तैनात थी। भारत - तिब्बत सीमा पर 21 जवानो की एक टुकडी गश्त कर रही थी तब ही चीनी फौज के एक बडे दस्ते ने घात लगाकर हमारे जवानो पर अटैक कर दिया। हमारे 21 जवानों ने चीनी आक्रमणकारियांे का डटकर मुकाबला किया और दुश्मनो को मार गिराया। लेकिन हमारे 10 शूरवीर जवान देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। ये देश के लिए गौरव की बात थी। तभी से इन बहादुर जवानों के बलिदान को पुलिस शहीदी स्मृृति दिवस के रुप मे मनाया जाता है।
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