फरीदाबाद : जवाहर कालोनी , गौंछी, संजय कालोनी , पखाल, मोहताबाद, नया गांव, पावटा, गाजीपुर, मादलपुर, कुरैशीपुर, फतेपुर तगा, धौज, सिरोही, टीकरीखेड़ा, आलमपुर, सलखारी, उड़िया कालोनी, उत्तमनगर, एयरफोर्स रोड, डबुआ कालोनी , डबुआ गांव, संजय कालोनी, पर्वतीय कालोनी, राजीव कालोनी, झारसेंट्ली, जैसे एनआईटी विधानसभा क्षेत्र के कई अन्य जगहों पर बड़ी-बड़ी जनसभाओं को सम्बोधित कर एनआईटी के आजाद उम्मीदवार चन्दर भाटिया ने सबकों चौंका दिया है। उनकी उनमे से कई जनसभाओं में सीएम की रैली जैसी भीड़ पहुँची थी जिसके बाद एनआईटी के चर्चाएं चल रहीं है कि चंदर भाटिया कहीं 2009 का इतिहास न दोहरा दें और शिव चरण लाल शर्मा की तरह एनआईटी में अपना जलवा न दिखा दें। 2009 में पंडित शिव चरण लाल शर्मा भी आजाद मैदान में कूदे थे और कांग्रेस दिग्गज ऐसी को मात दी थी।
चन्दर भाटिया दो बार विधायक रह चुके है और लगभग एक महीने से एनआईटी में जमकर पसीना बहा रहे हैं और अब उनके नाम की चर्चाएं हर जगह देखी जा रहीं है। एनआईटी के लोग बदलाव में माहिर हैं। 2009 से 2014 तक विधायक एवं हरियाणा में मंत्री रहे पंडित शिव चरण लाल शर्मा पूरे हरियाणा में विकास पुरुष के रूप में जाने जाते थे लेकिन 2014 में एनआईटी की जनता ने उन्हें बदल दिया और प्रदेश में उनकी हार के चर्चे उतने थे जितने इनेलो के नागेंद्र भड़ाना के जीत के और अब 2019 की बात करें तो नगेन्द्र भड़ाना को क्षेत्र के लोग विकास नहीं विनाश पुरुष कहते हैं और ऐसे में उनकी गाड़ी कैसे आगे बढ़ेगी ये तो समय ही बताएगा। जब किसी विकास पुरुष को जनता घर बैठा सकती है तो नगेंद्र भड़ाना का क्या होगा ये तो 24 अक्टूबर को ही पता चलेगा। फिलहाल भड़ना भाजपा में हैं और मोदी जादू का उन्हें सहारा है।
पांच साल में नरक बन चुके एनआईटी क्षेत्र की जनता शायद चन्दर भाटिया को विकल्प के रूप में देखने लगी है और यही कारण है कि उनकी जनसभाओं में भारी भीड़ उमड़ रही है। एक चौंकाने वाली खबर सूत्रों द्वारा पता चली है और वो ये है कि संघ नगेन्द्र भड़ाना से दूरी बनाकर चलने लगा है और संघ के कार्यकर्ता भड़ाना के कार्यक्रमों में न के बराबर पहुँच रहे हैं और हाल में जिन लगभग 500 भाजपा कार्यकर्ताओं ने नगेन्द्र भड़ाना का विरोध किया था और स्तीफे की बात की थी उनमे सैकड़ों कार्यकर्ता संघ के थे और संघ के एक बड़े पदाधिकारी के आदेश से ऐसा किया गया था।
सूत्रों से ये भी पता चला है कि संघ के लोग न भड़ाना को चाहते हैं और कांग्रेस की तरह संघ के कार्यकर्ता जा नहीं सकते हैं ऐसे में उनके सामने चन्दर भाटिया एक विकल्प हैं और इसलिए हैं क्यू कि चन्दर भाटिया भी कभी भाजपा के थे और पहले उनके पिता भाजपा के विधायक बने थे और उसके बाद दो बार चन्दर भाटिया बने और एक समय ऐसा भी था कि भाजपा के गेट चन्दर भाटिया के घर से खुलता था और उस समय के संघ के कुछ कार्यकर्त्ता अब बड़े पदों पर हैं और भाटिया के काफी करीबी हैं। सूत्रों से खबर मिली है कि पूर्व विधायक भाटिया आजकल सुबह-सुबह संघ की शाखाओं पर ध्वज प्रणाम करते दिखे हैं।
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