अनूप कुमार सैनी: हिसार, 5 अक्टूबर। उचाना ने कल नामांकन दाखिल करने वाले दुष्यंत चौटाला हिसार संसदीय क्षेत्र से 2014 लोकसभा चुनाव में विजयी हुए दुष्यंत चौटाला 16 वीं लोकसभा में निर्वाचित होने वाले सबसे कम उम्र के सांसद थे। उन्होंने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में हजकां-भाजपा के संयुक्त प्रत्याशी कुलदीप बिश्रोई को हराया था और वे 26 वर्ष से कम आयु में दुष्यंत भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में सबसे युवा सांसद बने थे।
दुष्यंत का बतौर सांसद पांच साल कार्यकाल चर्चित रहा और उन्होंने हरियाणा के चुने हुए सांसदों में सर्वाधिक 700 से अधिक सवाल उठाए और प्रदेश के सबसे अधिक मुद्दे लोकसभा के पटल पर रखे।
दुष्यंत चौटाला का जन्म हिसार के महावीर स्टेडियम के पास शर्मा नर्सिंग होम, प्रेमनगर में दिनांक 3 अप्रैल 1988 को हुआ। उन्होंने हिसार के सेंट मैरी स्कूल से अपनी शिक्षा प्रारंभ की। इसके बाद दुष्यंत चौटाला ने सिरसा के सेंट जेवियर हाई स्कूल से चौथी श्रेणी की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने दसवीं तथा बारहवीं की परीक्षा लॉरेंस स्कूल, सनावर हिमाचल प्रदेश से पास की। उन्होंने पढ़ाई के साथ साथ खेलों में हिस्सा लिया और बाक्सिंग में गोल्ड मेडल जीता।
इसके अलावा उन्होंने स्कूल की बॉस्केटबॉल टीम की कप्तानी भी की। लॉरेंस स्कूल की ही हॉकी टीम के गोलकीपर भी दुष्यंत चौटाला ही थे। दुष्यंत चौटाला वर्तमान में भारतीय टेबल टेनिस फेडरेशन के अध्यक्ष, साउथ ऐशियन टेबल टेनिस संघ व कॉमनवेल्थ टेबल टेनिस महासंघ के अध्यक्ष हैं। सबसे कम उम्र में टेबल टेनिस महासंघ के अध्यक्ष बनने वाले भी दुष्यंत पहले व्यक्ति हैं।
10+2 की परीक्षा पास करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए दुष्यंत चौटाला विदेश चले गए। वहां उन्होंने कैलीफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी में बैचलर ऑफ साईंस इन बिजनेस एडमिनिस्टे्रशन में दाखिला लिया तथा बैचलर की डिग्री प्राप्त की। सक्रिय राजनीति में आने के बाद भी दुष्यंत चौटाला ने उच्च शिक्षा जारी रखी और गुजवि से पत्रकारिता में स्तातकोत्तर की पढ़ाई की। 18 अप्रैल 2017 को दुष्यंत चौटाला मेघना संग परिणय सूत्र में बंधे। दुष्यंत चौटाला कला प्रेमी हैं तथा उन्हें पेंटिंग का बेहद शौक है।
लुटियन जोन में ट्रैक्टर चला कर चर्चित हुए दुष्यंत
खेती से खास जुड़ाव है दुष्यंत चौटाला-मूलत: कृषि परिवार से संबंध रखने वाले दुष्यंत चौटाला की खेती-बाड़ी में खासी रूचि है। दुष्यंत के परदादा स्व. चौ. देवीलाल किसान नेता के रूप ताउम्र राजनीति की। दुष्यंत हर सप्ताह स्वयं गांव चौटाला में अपने खेतों में जाते हैं और फसल बाड़ी को संभालते हैं। वह किसानों के दुख: दर्द और उनकी समस्याओं से बखूबी समझते हैं और किसानों के हितों से जुड़े मुद्दे उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ा। केंद्र सरकार द्वारा टै्रक्टर को वाणिज्य वाहन घोषित करने के विरोध में संसद में टैक्टर चला कर पहुंचे तो वे देश भर में चर्चित हो गए थे।
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