नई दिल्ली: इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के समय में महा ताकतवर रही कांग्रेस का वर्तमान में बहुत बुरा हाल क्यू हो गया शायद कांग्रेस अब इस पर सोंचने लगी है। लगभग दो दशकों में कांग्रेस ने सत्ता के लिए कुछ ऐसे लोगों से हाँथ मिलाया जो कहीं न कहीं देश के खिलाफ बोलते थे। देश के नेता के खिआफ़ बोलने से तो बात नहीं बिगड़ती है लेकिन अगर कोई देश के खिलाफ बोलेगा तो जनता उसे बर्दाश्त नहीं करती है। भाजपा ने इसी मुद्दे को भुनाया और कांग्रेस को देशद्रोही पार्टी साबित करने का प्रयास किया और काफी हद तक सफल रही है। 2014 में भाजपा को भारी बहुमत मिली और मोदी सरकार बनी और 2019 का चुनाव भी राष्ट्रवाद पर लड़ा गया और मोदी सरकार को पहले से ज्यादा सफलता मिली।
अब कांग्रेस शायद इस बात को समझ गई है। अब कांग्रेस भी बीजेपी को जवाब देने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस में कुछ गलत नेता न आये होते तो कांग्रेस का इतना बुरा हाल न होता क्यू कि कांग्रेस का इतिहास ही राष्ट्रवाद का रहा है, जिसके नेताओं ने स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था। शायद इसी वजह से कांग्रेस राष्ट्रवाद के मुद्दे पर सालों तक बेफिक्र रही। लेकिन नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी ने राष्ट्रवाद को अपना हथियार बना लिया। इसके बाद कांग्रेस के तमाम अच्छे नेता भी इस हथियार का शिकार हो गए। वर्तमान में हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हैं और बहुत कम कांग्रेसी नेता अपने प्रचार में राहुल और सोनिय गांधी का नाम ले रहे हैं। कांग्रेसी नेताओं को लगता है कि राहुल गांधी का नाम लेने से लेने के देने पड़ जायेंगे। यहाँ तक कि सिद्धू जैसे नेताओं को कांग्रेस ने प्रचार से दूर कर दिया। शायद कांग्रेस अब बहुत कुछ समझ चुकी है।
कोई कितनी भी ट्रेंनिंग दे ले मुझे राहुल बाबा एंड कंपनी पर पूरा भरोसा हैं की वो लोग आखिर में गुड़ गोबर करेंगे ही ।— आशीष कुमार (@AshishKP91196) October 7, 2019
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