फरीदाबाद। शहीद बाबा दीपसिंह जी चेरिटेबल सोसायटी द्वारा प्याली चौक का सौंदर्यीकरण कर वहां बाबा दीप सिंह के नाम पर ड्रीम चौक का निर्माण किया जा रहा है। नगर निगम प्रशासन ने प्याली चौक का नाम शहीद बाबा दीपसिंह जी के नाम पर रखने की अनुमति प्रदान कर दी है। एनआईटी के विधायक नगेंद्र भड़ाना के प्रयासों से निगम प्रशासन ने सदन की बैठक में यह प्रस्ताव पारित कर प्याली चौक का नामकरण बाबा दीपसिंह जी के नाम पर कर दिया है। निगम प्रशासन की स्वीकृति के बाद शहीद बाबा दीप सिंह जी चेरिटेबल सोसायटी द्वारा करीब दो करोड़ रुपए की लागत से प्याली चौक पर ड्रीम चौक का निर्माण किया जा रहा है। यह जानकारी सोसायटी के चेयरमैन बाबा अजीत सिंह ने एक प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि बाबा दीपसिंह चेरिटेबल सोसायटी पिछले कई वर्षों से सामाजिक कार्यों में बढ़ चढक़र कार्य कर रही है।
सोसायटी के तत्वावधान में अंबाला में तो बड़े पैमाने पर अस्पताल व स्कूल संचालित किए जा रहे हैं, इसके साथ ही फरीदाबाद में भी सोसायटी द्वारा 10 बिस्तर का चेरिटेबल अस्पताल चलाया जा रहा है। जिसमें हर रोज सैंकड़ों लोग मामूली से खर्च पर बेहतर ईलाज लेते हैं। बाबा अजीत सिंह ने बताया कि फिलहाल उनकी संस्था द्वारा प्याली चौक पर शहीद बाबा दीप सिंह जी के नाम पर ड्रीम चौक का निर्माण किया जा रहा है। इस चौक को स्टील व एल्मुनियम के जरिए बेहतरीन व शानदार तरीके से डिलाईन किया गया है। बाबा अजीत सिंह का दावा है कि यह एशिया का सबसे पहला व बड़ा चौक होगा, जोकि पूरा बनने के बाद बेहद ही खूबसूरत दिखाई देगा।
उनके अनुसार यह चौक 45 फुट ऊंचा तथा 50 फुट राऊंड में बनाया जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि इस चौक पर चार भाषाओं में सरबत दा भला लिखवाया जा रहा है। इसके अलावा हिंदू, मुस्लिम, ईसाई व सिख धर्मों के प्रतीक चिन्ह भी वहां लगाए जाएंगे। सभी धर्मों को इससे पे्ररणा मिलेगी। बाबा अजीत सिंह ने कहा कि उनकी सोसायटी समय समय पर गरीब लोगों के लिए स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान तथा जरूरतमंद बच्चों को निशुल्क किताबें व वर्दी भी उपलब्ध करवाती है। उनका कहना है कि वह मुख्यमंत्री मनोहर लाल से फरीदाबाद में सस्ती दर पर जमीन की मांग कर रहे हैं, ताकि वहां एक बड़ा चेरिटेबल अस्पताल व स्कूल बनाया जा सके। जिससे जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा व चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाई जा सके। बाबा अजीत सिंह ने बाबा दीपसिंह जी के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि बाबा दीप सिंह का जन्म वर्ष 1682 को हुआ था। उन्हें दमदमा साहिब जी का पहला प्रमुख नियुक्त किया गया था।
बाबा दीप सिंह ने 1710 में बंदा बहादुर सिंह जी के साथ सरङ्क्षहद की लड़ाई लड़ी थी। 1757 में अब्दाली द्वारा भेजे गए जहान खान के साथ उनका युद्व हुआ। बाबा दीप सिंह ने जहानखान को मार गिराया, पंरतु इस युद्व में बाबा जी का सिर धड़ से अलग हो गया। इसके बाद भी बाबा दीप सिंह ने अपने कटे शीश को अपनी हथेली पर रखकर लड़ाई लड़ी और लड़ते हुए श्री हरमिंदर साहिब जी की परिक्रमा में अपना सिर झुकाया और शहादत को प्राप्त हो गए। बाबा दीप सिंह जी के नाम पर बीबी जोगिंदर कौर ने खालसा जी के साथ मिलकर 1985 में इस संस्था का गठन किया था। तभी से उनकी यह संस्था जनहित के कार्यों में बढ़ चढक़र कार्य करती है। प्रेसवार्ता में बाबा अजीत सिंह के साथ प्रधान नरेश गोयल, जत्थेदार सरदार करनैल सिंह, केसी अरोड़ा, सुनील सपरा, भूपेंद्र सिंह, रणधीर सिंह व अनुरूद्व जुनेजा भी उपस्थित थे।
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