नई दिल्ली: बहुत कम लोगों को पता है कि चंद्रमा पर एक दिन धरती के 14 दिन के बराबर होता है और रात भी उतनी ही लंबी होती है। चांद पर दिन और रात के तापमान में भीषण अंतर होता है। दिन के दौरान अत्यधिक तापमान 127 डिग्री सेल्सियस के आस पास जबकि रात का तापमान शून्य से 183 डिग्री सेल्सियस नीचे तक पहुंच जाता है और अब एक दिन बाद चन्द्रमा पर रात होने वाली है और आज सुबह तक कयास लगाए जा रहे थे कि अब इसरो के वैज्ञानिक विक्रम लैंडर का शायद ही पता लगा सकें और मिशन चंद्रयान-2 का अब लगभग एन्ड हो चूका है क्यू कि विक्रम लैंडर में ऐसे उपकरण नहीं हैं जो माईनस 183 डिग्री का तापमान सह सकें।
इसरो के वैज्ञानिकों को एक बड़ी खुशखबरी नासा ने दी है जिससे अब विक्रम लैंडर को खोजने की उम्मीदें बढ़ गईं हैं। नासा के एक वैज्ञानिक के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नासा ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अपने लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर की मदद से 17 सितंबर को कई तस्वीरें ली हैं। नासा फिलहाल इन तस्वीरों का विश्लेषण कर रहा है। इसी क्षेत्र में मिशन चंद्रयान-2 के तहत विक्रम लैंडर की साफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की गई थी, लेकिन विक्रम के लैंड होने से दो किलोमीटर पहले ही इसरो का संपर्क टूट गया
#Chandrayaan2 : NASA's Lunar probe to fly over Vikram Lander today (17.09.2019), new information expected !!@NASA#VikramLander pic.twitter.com/5OvzVGK75O— NATIONALISM (@RPJaiswal8) September 17, 2019
हरियाणा अब तक के पाठकों आप को बता दें कि विक्रम लैंडर से संपर्क साधने की संभावना 21 सितंबर तक ही है। इसके बाद चांद के उस क्षेत्र में अंधेरा हो जाएगा. लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (LRO) के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन केलर ने एक बयान के जरिये यह कन्फर्म किया कि ऑर्बिटर के कैमरे ने तस्वीरें ली हैं।
उन्होंने कहा, LRO की टीम इन तस्वीरों की पुरानी तस्वीरों से तुलना करेगी और उनका विश्लेषण करेगी कि लैंडर दिखाई दे रहा है या नहीं। यह तस्वीरें तब ली गईं जब ऑर्बिटर चांद के दक्षिणी ध्रुव से गुजर रहा था. उस वक्त वहां अंधेरा होना शुरू हो गया था। इसरो ने अपने ट्विटर पेज पर ये जानकारी दी है।
#Chandrayaan2 Orbiter continues to perform scheduled science experiments to complete satisfaction. More details on https://t.co/Tr9Gx4RUHQ— ISRO (@isro) September 19, 2019
Meanwhile, the National committee of academicians and ISRO experts is analysing the cause of communication loss with #VikramLander
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