चंडीगढ़, 3 सितंबर- हरियाणा सरकार ने ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मूलमंत्र पर चलते हुए आज प्रदेश के बिजली कनेक्शन वाले ट्यूबवेल उपभोक्ता किसानों के साथ-साथ हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्लॉट धारकों को भी बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के अन्नदाता की चिंता करते हुए उनके ट्यूबवेलों के बिजली बिलों की सरचार्ज राशि माफ करने की घोषणा की है तो वहीं दूसरी ओर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकारण के प्लॉट धारकों को एन्हांसमेंट रिकैल्कुलेशन स्कीम के तहत 9 प्रतिशत से लेकर 45 प्रतिशत तक राहत की घोषणा करके शहरी लोगों का भी पूरा ख्याल रखा है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज यहां नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के नव निर्मित भवन का उदघाटन करने उपरांत प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ये घोषणाएं की। मनोहर लाल ने कहा कि सहकारी बैंकों के ऋणी किसानों के लिए तीन सैटलमेंट स्कीमों के बाद सरकार ने आज प्रदेश के बिजली कनेक्शन वाले ट्यूबवेल उपभोक्ता किसानों और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकारण के प्लॉट धारकों को भी राहत पहुंचाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 6 लाख 10 हजार किसानों ने ट्यूबवेल के लिए बिजली का कनेक्शन लिया हुआ है। इसमें से लगभग 2 लाख 44 हजार कनेक्शन डिफॉल्टर हो चुके हैं जिनकी तरफ कुल 147 करोड़ रुपये बकाया है। ऐसे किसान अगर अपना बिजली का बिल भरना चाहते हैं तो उन्हें सरचार्ज देना पड़ता है और अधिकांश सरचार्ज की राशि 20-25 प्रतिशत हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि ऐसे ट्यूबवेल कनेक्शन वाले किसान 30 नवंबर, 2019 तक अपना बिल एकमुश्त भर देते हैं तो उनकी सरचार्ज राशि माफ कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि डिफॉल्टर होने के कारण जिन किसानों के बिजली कनेक्शन को कटे 2 साल से कम का समय हुआ है, उन कनेक्शनों को बहाल कर दिया जाएगा, जबकि जिन कनेक्शनों को कटे हुए 2 साल से अधिक का समय हो गया है, ऐसे किसानों को नया कनेक्शन जारी किया जाएगा।
एन्हांसमेंट रिकैल्कुलेशन स्कीम की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा पहले प्लॉटधारकों को एन्हांसमेंट की जानकारी नहीं दी जाती थी, जिसके कारण एन्हांसमेंट राशि पर ब्याज बढ़ता गया और यह राशि लोगों की भुगतान सीमा से बाहर हो गई। लेकिन हमने इस मामले का पुख्ता हल निकाल लिया है। हमने जुलाई, 2018 में 40 प्रतिशत छूट के साथ प्लॉटधारकों के लिए एकमुश्त निपटान योजना शुरू की थी। इसके तहत 24 हजार से अधिक प्लॉटधारकों ने 853 करोड़ रुपये एन्हांसमेंट के रूप में जमा करवाए। उसके बाद नवंबर, 2018 में एक बार फिर साढ़े 37 प्रतिशत छूट के साथ एक और योजना शुरू की गई, जिसके तहत 4 हजार से अधिक प्लॉटधारकों ने 155 करोड़ रुपये की एन्हांसमेंट राशि का भुगतान किया।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि अब भी कुछ प्लॉटधारक ऐसे बच गए हैं, जिन्होंने इन दोनों योजनाओं में से किसी का लाभ नहीं उठाया। ऐसे प्लॉटधारकों की प्रमुख मांग थी कि उनके सेक्टरों में एन्हांसमेंट की रिकैल्कुलेशन करवाई जाए। उनके बोझ को कम करने के लिए हमने नए नियम बनाए और रिकैल्कुलेशन के लिए तीन न्यायाधीशों की एक कमेटी गठित की। इस कमेटी द्वारा की गई सिफारिश के आधार पर 300 सेक्टरों की रिकैल्कुलेशन करवाई जानी है, जिसमें से 12 सेक्टरों की रिकैल्कुलेशन हो चुकी है। इसके लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट की एक टीम लगी हुई है और सेक्टरवासी भी अगर चाहें तो अपनी रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन के माध्यम से अपनी रिकैल्कुलेशन को चैक कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर सेक्टर की रिकैल्कुलेशन अलग-अलग होगी और प्लॉटधारकों को इस रिकैल्कुलेशन के अनुसार ही एन्हांसमेंट राशि जमा करवानी होगी। इसके अनुसार प्लॉटधारकों को 9 प्रतिशत से लेकर 45 प्रतिशत तक का लाभ होगा।
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