फरीदाबाद: भाजपा में शामिल होने वाले नगेन्द्र भड़ाना, टेकचंद शर्मा और शारदा राठौर में से सिर्फ नागेंद्र भड़ाना को एनआईटी विधानसभा से टिकट मिली। पृथला से टेकचंद शर्मा को नहीं मिली जबकि शारदा राठौर को बल्लबगढ़ या पृथला कहीं से नहीं मिली।
इनेलो छोड़कर आए 9 नेताओं को टिकट मिली है। इसमें राज्यसभा सांसद रामकुमार कश्यप को इंद्री से, 2014 में विधायक परमिंदर ढुल को जुलाना से, रानियां में रामचंद्र काम्बोज को, नलवा से रणबीर गंगवा को, गढ़ी-सांपला-किलोई से सतीश नांदल को, नूहं में जाकिर हुसैन को, फिरोजपुर झिरका में नसीम अहमद को, होडल में जगदीश नायर को और फरीदाबाद एनआईटी में नागेंद्र बड़ाना को टिकट दी गई है।
भाजपा ने कुल 8 टिकट काटी है। इसमें दो कैबिनेट मंत्रियों की टिकट शामिल है। उद्योग मंत्री विपुल गोयल की फरीदाबाद से टिकट काट दी गई है। उनकी जगह चुनाव लड़ने वाले नरेंद्र गुप्ता को वहीं बादशाहपुर से पीडब्लूडी मंत्री राव नरबीर को भी टिकट नहीं दी गई। उनकी जगह मनीष यादव को दी गई।
दो बार बल्लबगढ़ की विधायक रह चुकीं शारदा राठौर के बारे में चर्चे हैं कि वो भाजपा के जाल में फंस गईं और उन्होंने कांग्रेस को छोड़ दिया जबकि बल्लबगढ़ में अगर उन्हें कांग्रेस की टिकट मिलती तो वो जीत सकती थीं। कहा जा रहा है कि भाजपा को बल्लबगढ़ सीट चाहिए था इसलिए भाजपा ने शारदा राठौर को पार्टी में शामिल करवाया और कहीं से टिकट न देकर उनके अरमानो पर पानी फेर दिया।
अभी कांग्रेस की लिस्ट नहीं आई है। अफवाह है कि कांग्रेस घर वापसी करवा उन्हें बल्लबगढ़ से टिकट दे सकती। हर अफवाह सच नहीं होती लेकिन बिना आग लगे धुंआ भी नहीं उठता।
वैसे बल्लबगढ़ में अब भी दीपक चौधरी छाए हुए हैं। आज उन्होंने लड्डू बांटा और कहा कि अब मूलचंद शर्मा को मैं हराऊंगा।
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