चंडीगढ़: वही हो रहा है जो भाजपा नेता सोंच रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस उसी दिशा में जा रही है जो भाजपा नेता चाहते थे। हुड्डा-तंवर की तकरार ने हरियाणा कांग्रेस को लगभग बर्बाद कर डाला है। अब कांग्रेस के नेता ही हरियाणा में कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ होने की बात करने लगे हैं। कोई हुड्डा को चाहता है तो कोई तंवर को तो कोई कुमारी शैलजा तो कोई किरण चौधरी को कांग्रेस की कमान देने की बात कर रहा है। एक दूसरे के कार्यकर्ता आपस में ही कांग्रेस को सबक सिखाने की बात करने लगे हैं। अगर ऐसा ही रहा तो भाजपा की राह बहुत ही आसान हो जाएगी।
आज बात करते है हरियाणा के बड़खल विधानसभा क्षेत्र की जहाँ से अब धर्मबीर भड़ाना को आम आदमी पार्टी की टिकट मिलनी लगभग तय है। आज एक सूची जारी की गई जिसमे लगभग एक दर्जन नेताओं को विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों का प्रभारी बनाया गया लेकिन सूत्रों की मानें तो इन्ही नेताओं को ही आम आदमी पार्टी इनके विधानसभा क्षेत्र से टिकट भी देगी। धर्मबीर भड़ाना बड़खल में जमकर पसीना भी बहा रहे हैं। मौजूदा हालत देख लग रहा है कि बड़खल में आप और भाजपा की टक्कर होगी। कांग्रेस में टूट-फूट और गुटबाजी यहाँ भी कांग्रेस पर हावी है। यहाँ से पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप अब भी शायद घर में ही रहते हैं जबकि आचार संहिता जल्द लगने वाली है। अफवाहें हैं कि कहीं और से टिकट लेने के फ़िराक में हैं। बड़खल में कांग्रेस का हाल फ़िलहाल बेहाल है। कांग्रेस का हाल बेहाल होने का फायदा सीमा त्रिखा को मिल सकता है और मैदान में कांग्रेस के कमजोर होने के कारण खट्टर फिर सीमा त्रिखा को टिकट सौंप सकते हैं।
2014 के विधानसभा चुनावों में पूर्व मंत्री और मिनी सीएम कहे जाने वाले महेंद्र प्रताप सिंह को भाजपा प्रत्याशी सीमा त्रिखा ने करारी शिकस्त दी थी और उन्होंने महेंद्र प्रताप को 36608 वोट से हराया था । सीमा को कुल 70218 वोट मिले। जबकि महेंद्र प्रताप सिंह को 33609 वोट मिले थे और यहाँ तीसरे नंबर पर धर्मबीर भड़ाना रहे थे । भड़ाना ने बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था और उन्हें 16949 वोट मिले। जबकि चौथे नंबर पर इनेलो कैंडीडेट चंदर भाटिया थे । उन्हें 8377 वोट मिले थे । इसके अलावा यहां से लड़ रहे अन्य कैंडीडेट हजार वोट के आंकड़े को भी नहीं छू सके थे । 2014 में बड़खल विधानसभा क्षेत्र में कुल 13 कैंडीडेट थे। उस हार के बाद से ही धर्मबीर भड़ाना मैदान में दुबारा लौट आये और प्रचार करना शुरू कर दिया जबकि पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप मैदान में न के बराबर दिखे और अब तक गायब हैं। ये सब देख लगता है कि इस बार मुख्य मुकाबला भड़ाना और भाजपा में होगा। यहाँ से भाजपा प्रवक्ता राजीव जेटली भी टिकट मांग रहे हैं। उनके अलांवा धनेश अदलक्खा भी यहीं से मैदान में कूद गए हैं। अदलक्खा को अधिकतर लोग बाहरी बता रहे हैं। एक दिन पहले हमने ऑनलाइन सर्वे कर बड़खल के पाठकों से पूंछा कि किसे मिलनी चाहिए बड़खल से टिकट तो अब भी अधिकतर लोग सीमा त्रिखा का गुणगान गाते दिखे।
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